चीन में कोरोना के कहर ने भारत में भी बढ़ाई चिंता, केंद्र ने राज्यों को दिये नए निर्देश

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नई दिल्ली. चीन में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों ने देश में चिंता बढ़ा दी है. केंद्र सरकार इस बार कोरोना वायरस से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसलिए सरकार ने राज्य सरकारों से मॉक ड्रिल करने को कहा है. ताकि, कोविड मामले बढ़ने पर लोगों का तुरंत इलाज किया जा सके. राज्यों में यह मॉक ड्रिल 27 दिसंबर को होगी. इस मॉक ड्रिल से पता चलेगा कि अस्पतालों की वास्तविक स्थिति क्या है. वहां बिस्तर, मानव संसाधन, मेडिकल ऑक्सीजन के साथ-साथ जरूरी सामानों की क्या व्यवस्था है.

गौरतलब है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचाया था. उसके कहर से राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर टूट गई थी. उस दौर में देश ने मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से तिल-तिल मरते देखा था. इसके अलावा चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी. मरीजों के रिश्तेदारों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल बदहवास हालत में भागते हुए देखा था.

स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 से संबंधित पत्र लिखा. उन्होंने लिखा कि कोरोना से लड़ाई के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह तैयार रहें. इससे जुड़ी सभी तैयारियों को जांचने के लिए यह फैसला किया गया है कि पूरे देश में 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल होगी. बता दें, इस मॉक ड्रिल में खास तौर पर यह जांचा जाएगा कि राज्यों के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या की क्या स्थिति है. आईसोलेशन के लिए और लाइफ सपोर्ट के लिए अलग-अलग बिस्तर हैं कि नहीं.

बिस्तरों के अलावा अस्पतालों के आईसीयू, वैंटिलेटर, ऑक्सीजन सपोर्ट को भी परखा जाएगा. केंद्र सरकार ने राज्यों से मानव संसाधन भी सुनिश्चित करने को कहा है. राज्य सरकारों से कहा गया कि कोरोना के मामले बढ़ने पर डॉक्टरों, नर्सों, पैरामिडक्स, आयुष प्रैक्टिशनर, फ्रंटलाइन वर्कर और आंगनवाड़ी कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करें. इस दौरान इन सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की कोरोना मरीज को संभालने और मेडिकल ऑक्सीजन देने की दक्षता भी देखी जाएगी.

इस मॉक ड्रिल से यह भी पता लगाया जाएगा कि आपातकाल की स्थिति में कोरोना वायरस से निपटने के लिए आरटी-पीसीआर और रेपिड एंटीजन किट की क्या स्थिति है. स्वास्थ्य सचिव के पत्र में लिखा है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि को पूरी तरह परखा जाए.

 

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