लखनऊ: बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं अन्य शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराना योगी सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है। साथ ही परिषदीय विद्यालयों के स्तर को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर विकसित करना भी योगी सरकार के विजन में से एक है। इसी के तहत मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने 1 अगस्त को विद्यांजलि कायाकल्प पोर्टल का लोकार्पण किया था। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, संस्थान पोर्टल के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों को गोद ले सकता है। पहले किसी स्कूल को दान देने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई की जाती थी। इसमें लंबा समय लगता था, जिसके चलते आम आदमी इससे बचता था। ऐसे में योगी सरकार द्वारा संचालित पोर्टल से परिषदीय विद्यालयों को नई गति मिल रही है।
सरकार ने सुविधाओं की सूची की जारी
योगी सरकार के विद्यांजलि कायाकल्प पोर्टल के माध्यम से राजपत्रित अधिकारी, मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि, उद्यमी, आम आदमी, एनजीओ, कारपोरेट, विद्यालय के पूर्व छात्र, उनका परिवार परिषदीय विद्यालयों को गोद ले सकेगा। साथ ही पोर्टल के माध्यम से आर्थिक सहायता दे सकेंगे। वहीं उद्यमी, कारपोरेट सेक्टर के लोग सीएसआर फंड के माध्यम से विद्यालय को गोद ले सकेंगे। पोर्टल के माध्यम से स्कूलों को तीन साल के लिए गोद लेना होगा। इसके लिए सरकार ने 27 सुविधाओं की सूची भी जारी कर दी है।
मन चाहे स्कूल के लिए ऐसे करें आवेदन
पोर्टल की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। दानदाता विद्यांजलि कायाकल्प पोर्टल पर जाकर अपने मनचाहे स्कूल काे चयनित करेंगे। इसके बाद संबंधित जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास प्रार्थना पत्र जनरेट होगा। फिर बीएसए द्वारा गठित समिति से अनुमति लेकर प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया जाएगा। अनुमति मिलने के बाद दानदाता परिषदीय विद्यालय को गोद ले सकेंगे या अपनी सामग्री विद्यालय को दे सकेंगे। वहीं पोर्टल पर प्राप्त वित्तीय धनराशि को जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में साेसाइटी के तहत राष्ट्रीयकृत बैंक में खुलवाए गए खाते से प्राप्त किया जाएगा।
अपनी पंसद की एजेंसी से करा सकेंगे काम
पोर्टल में एक यह भी सुविधा दी गई है कि गोद लेने वाले दानदाता अपनी पंसद की एजेंसी से काम करा सकते हैं। दानदाता को समय-समय पर काम की प्रगति की रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दी जाएगी। दानदाता ऑपरेशन कायाकल्प के तहत होने वाले कामाें के अलावा स्ट्रीट लाइट, सोलर आरओ प्लांट, अग्निशमन यंत्र, ओपन जिम, झूले-स्लाइडर, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण-जीर्णोद्धार, विज्ञान प्रयोशाला के उपकरण, स्टेशनरी, लाइब्रेरी के लिए किताबें आदि दी जा सकती हैं।