अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना वापस नहीं लेने के खिलाफ फैजल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा न्यायालय
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।
हत्या के प्रयास के एक मामले में स्थानीय अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई थी। उसके बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी लेकिन लोकसभा सचिवालय ने सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना को वापस नहीं लिया है और राकांपा नेता ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर गौर किया कि दोषसिद्ध और सजा पर उच्च न्यायालयद्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है।
सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई होने वाली है। इस पर पीठ ने कहा, ‘इसे (लक्षद्वीप की) विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के साथ से जोड़ दें।’ लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार फैजल 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये थे।