नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का आज दुखद निधन हो गया। 72 वर्षीय येचुरी का पिछले कुछ दिनों से AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में निमोनिया का इलाज चल रहा था। उन्होंने बीमारी से लड़ते हुए आज सुबह अंतिम सांस ली। येचुरी के निधन की खबर से राजनीतिक जगत और उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके नेतृत्व में CPI(M) ने भारतीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वामपंथी विचारधारा को प्रोत्साहित किया।
येचुरी लंबे समय से CPI(M) के प्रमुख चेहरों में से एक थे और उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई बड़े आंदोलन और चुनावी अभियानों का संचालन किया। उनका निधन भारतीय राजनीति में एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे. मां कल्पकम येचुरी सरकारी अधिकारी थीं. उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की. 1975 में सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने थे.
साल 1975 में जब येचुरी JNU में पढ़ाई कर रहे थे, उसी दौरान इमरजेंसी के समय उन्हें गिरफ्तार किया गया था. कॉलेज के समय से ही वो राजनीति में आ गए. वो तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. येचुरी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आवास के बाहर पर्चा पढ़ने के चलते सुर्खियों में आए थे.