Cyber Security :- आग की गर्मी से मिनटों में बैंक एकाउंट खाली कर देता है यह गिरोह, इन ठगों से रहे सावधान

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की साइबर सेल टीम एक बड़ी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी। जब साइबर सेल टीम ने लोन दिलाने के नाम पर करीब 400 से भी अधिक लोगों से 80 से 90 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से 10 मोबाइल फोन, 9 फर्जी आधार कार्ड, 32 चैक ,तीन मैजिक पेन, लैपटॉप एवं कार के अलावा एक स्कूटी भी बरामद की है।

इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि साइबर सेल की टीम ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है।जो लोन दिलाने के नाम पर मैजिक पेन के जरिए लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया करता था।पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि वह मैजिक पेन की मदद से कैंसिल चेक को भुनाकर लोगों के खाते से पैसे हड़प लिया करते थे। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने बताया कि अभी तक वह इस तरह से करीब 400 लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं और 80 लाख से ₹90 लाख रुपये हड़प चुके हैं।इस तरह के कई मामले सामने आए साइबर सेल टीम इस गैंग की तलाश में जुटी हुई थी।

दीक्षा शर्मा ने बताया कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के अंतर्गत इस तरह की पांच शिकायत आई थी।जिसे गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल टीम इस गैंग की तलाश में जुटी हुई थी।उन्होंने बताया कि साइबर सेल टीम प्रभारी सुमित कुमार एसआई अशोक कुमार के नेतृत्व में बुधवार को राजनगर एक्सटेंशन से b.a. की पढ़ाई कर चुके सुनील शर्मा पुत्र वीरेंद्र शर्मा एवं रजनी कांत शुक्ला पुत्र प्रमोद कुमार शुक्ला को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने पूछताछ के दौरान बताया कि यह लोग फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे।उसके बाद फर्जी सिम लेते थे। बाकायदा लोन दिलाने के नाम पर विजिटिंग कार्ड भी छपवाते थे। ताकि सामने वाले को उन पर पूरा विश्वास हो जाए। उसके बाद यदि इनके पास कोई लोन लेने के नाम पर फोन आता था।तो उससे दस्तावेज लिया करते थे। उन सभी दस्तावेज में बैंक की स्टेटमेंट भी हुआ करती थी। उस बैंक स्टेटमेंट से इन लोगों को यह भी पता चल जाता था।कि इस के खाते में कितना रुपया जमा है।यदि लोन लेने वाले के खाते में रकम नहीं होती थी। तो उससे कह कर रहे उनके खाते में वह एक लाख रुपये जमा करवा लिया करते थे।साथ ही वह एक कैंसिल चेक भी लिया करते थे।उस चेक को अपने मैजिक पेन से कैंसिल किया करते थे और बाद में चेक की इंक को रबड़ या आग की गर्मी के माध्यम से मिटा दिया करते थे।उसके बाद चेक अपने नाम भरकर उसके खाते से रुपया निकाल लिया करते थे।उसके बाद अपने कस्टमर को गुमराह करने के लिए वह तो उसे 3 घंटे अपना मोबाइल बंद कर दिया करते थे,या दूसरे नंबर पर कॉल फॉरवर्ड करवा देते थे।ताकि पैसे निकलने के बाद उनके मोबाइल पर कोई मैसेज ना जा सके।उन्होंने बताया कि जब यह अपना एक ग्राहक को ठगने में कामयाब हो जाते थे ,तो उस फोन को वह फेंक दिया करते थे। उसके बाद यह लोग फिर से एक नई सिम लिया करते थे और दूसरे ग्राहक को अपना निशाना बनाते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि अभी तक यह करीब 400 लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं जिनसे अभी तक ₹80 से ₹90 लाख रुपये तक की ठगी कर चुके हैं।

उधर साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पूछताछ के बाद पता चला कि सुनील शर्मा 2019 में सिविल लाइन मेरठ से पहले भी जेल जा चुका है।जेल जाने से पहले उसका दूसरा गैंग हुआ करता था। लेकिन छूटने के बाद उसने फिर नया गैंग तैयार किया और अपने इस गोरखधंधे में लिप्त हो गया। उन्होंने बताया कि अभी पूछताछ के दौरान इन्होंने अपने अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं।जिनकी तलाश जारी है। उम्मीद है उन्हें भी जल्द ही धर दबोचा जाएगा।

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