नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मानवाधिकार दिवस के मौके पर मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साइबर अपराध एवं जलवायु परिवर्तन मानवाधिकारों के लिए नए खतरे हैं। मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “जब हम भविष्य की तरफ बढ़ रहे हैं तो हमारे सामने नयी उभरती चुनौतियां पेश हो रही हैं। साइबर अपराध, जलवायु परिवर्तन मानवाधिकारों के लिए नए खतरे हैं।” उन्होंने कहा कि डिजिटल युग परिवर्तनकारी तो है लेकिन इसके साथ साइबर अपराध, डीप फेक, गोपनीयता की चिंता और गलत सूचना का प्रसार जैसे जटिल मुद्दे भी सामने आए हैं।
उन्होंने कहा, “एआई अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कदम रख चुकी है और वह कई समस्याओं का समाधान कर रही है लेकिन हमारे सामने कई नई समस्याएं भी खड़ी हो रही है।” उन्होंने बताया कि अबतक मानवाधिकारों पर विमर्श मानव एजेंसी पर केंद्रित रहा है क्योंकि उल्लंघनकर्ता को मानव माना जाता है जिसमें करूणा अपराध बोध जैसी विविध मानवीय संवेदनाए होती हैं। जलवायु परिवर्तन पर बात करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों की सोच पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करता है।