गुजरात में चक्रवात बिपारजॉय से निपटने के लिए NDRF की कई टीमें ग्राउंड पर तैनात की गई हैं. तूफान का सबसे अधिक असर कच्छ, राजकोट, द्वारकामें भी दिखाई दे सकता है. कच्छ में चार, राजकोट और द्वारका में 3-3 टीमें तैनात भी की जा चुकी है. जिनके साथ साथ जामनगर में दो, पोरबंदर, सोमनाथ, मोरबी, वलसाड और जूनागढ़ में 1-1 टीमें तैनात की गई हैं. गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में कुल 18 टीमें तैनात की गई हैं. कुछ टीमें रिजर्व में भी रख दी गई है.
खबरों का कहना है कि गुजरात के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात का प्रभाव दिखाई देने लग गया है. द्वारका के गोमती घाट पर समंदर में ऊंची लहरें उठने लगी है. सौराष्ट्र में कल भारी वर्षा के साथ 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. कच्छ में धारा 144 लागू भी किया जा चुका है. कल 15 जून तक तटीय क्षेत्रों में स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी कर दिए है. लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है. मछुआरों को तट से दूर रहने कहा गया है.
चक्रवात बिपारजॉय भुज में गुजरात तट से गुजरने का अनुमान है. जिसके पूर्व पहले सुरक्षा के लिहाज से यहां तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. IMD ने कहा है कि चक्रवात अभी जखाऊ तट से 280 किलोमीटर पश्चिम दक्षिण पश्चिम में है. देवभूमि द्वारका से 290 किलोमीटर पश्चिम दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है. मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट के बदले अब रेड अलर्ट जारी किया है. इस बीच खतरे को भांपते हुए द्वारका में टावर को गिरा दिया है. इसे असुरक्षित घोषित किया गया है.