नौसेना के लिए नए जंगी जहाज INS Tushil की डील के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जाएंगे रूस

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नई दिल्ली : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर 2024 तक रूस (Russia) की यात्रा पर जा रहे हैं. मकसद है भारत (India) और रूस के रक्षा क्षेत्र में आपसी संबंध को और मजबूत करना. साथ ही वो कालिनिनग्राद जाएंगे, जहां पर INS Tushil की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल होंगे. यह जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया जा रहा है. इसे काफी पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल होना था लेकिन कोविड, ग्लोबल सप्लाई चेन में रुकावट और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से टलता रहा. यह जंगी जहाज एक स्टेल्थ फ्रिगेट है. जिसमें कई एडवांस सिस्टम और मल्टी-रोल वेपन सिस्टम लगे हुए हैं. इससे भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा.

इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और रूस में अक्टूबर 2016 में समझौता हुआ था. दो फ्रिगेट जंगी जहा रूस का यांतर शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं. जबकि दो गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में. इसके तहत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी हुआ है. इस प्रोजेक्ट में मेक इन इंडिया मिशन के तहत स्वदेशी जहाज बनाने की काबिलियत को भी शामिल किया गया है. राजनाथ सिंह मॉस्को में रूसी रक्षामंत्री आंद्रेय बेलोउसोव ने मिलेंगे. दुनिया में चल रही स्थितियों पर चर्चा होगी. मिलिट्री इक्विपमेंट्स के संयुक्त प्रोडक्शन, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और मैरीटाइम सिक्योरिटी को लेकर बातचीत करेंगे. ताकि भारत और रूस के रक्षा सहयोग आगे भी चलते रहें.

INS Tushil तलवार क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट का हिस्सा हैं. तुशील का संस्कृत में मतलब होता है रक्षक. इस जंगी जहाज डिस्प्लेसमेंट 3850 टन होता है. इनकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है. ये जंगी जहाज समंदर में अधिकतम 59 km/hr की रफ्तार से चलते हैं. अगर इनकी गति को 26 km/hr किया जाएगा तो ये 4850 km की रेंज कवर कर सकते हैं. अगर 56 km/hr रफ्तार से चलाया जाए तो ये 2600 km की रेंज कवर करते हैं.

यह जंगी जहाज 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में तैनात रह सकता है. उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है. ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं. साथ ही 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसके अलावा इसमें 24 Shtil-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं. ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस वर्टिकल लॉन्च सिस्टम भी इसमें लगाया गया है.

8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है. इसमें एक 100 मिलिमीटर की A-190E नेवल गन लगी है. इसके अलावा एक 76 mm की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है. 2 AK-630 सीआईडब्लूएस और 2 काश्तान सीआईडब्लूएस गन लगी हैं. इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. और एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात की गई है. इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है.

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