नई दिल्ली : शुक्रवार को हंगामे की वजह से दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर का चुनाव और पार्षदों का शपथ टल गया है। सदन में चुने हुए नए पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत ही हंगामे से हुई। शपथ ग्रहण के आदेश को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और BJP के बीच भिड़ंत हो गई। इस हंगामे के चलते MCD की पहली बैठक मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बिना ही स्थगित कर दी गई।
दरअसल, आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से नियुक्त 10 ‘एल्डरमैन’ को पहले शपथ दिलाने के फैसले का विरोध कर रही थी। जब मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पार्षद सत्या शर्मा ने मनोनीत पार्षदों को शपथ लेने के लिए बुलाया, तो AAP पार्षदों ने इसका जोरदार विरोध किया।
AAP के कई विधायक और पार्षद नारे लगाते हुए आसन के करीब पहुंच गए। जवाब में BJP पार्षदों ने भी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सदस्यों पर हाथापाई का आरोप भी लगाया। हालत ऐसी हो गई कि काबू करने के लिए सदन मार्शल के साथ-साथ दिल्ली पुलिस के जवानों को भी बुलाना पड़ा।
दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत उप-राज्यपाल 25 साल से ज्यादा उम्र के 10 लोगों को ‘एल्डरमेन’ मनोनीत कर सकते हैं। यानी ये मनोनीत पार्षद होते हैं। माना जाता है कि इन 10 एल्डरमैन के पास नगरपालिका प्रशासन में विशेषज्ञता या अनुभव होता है। वैसे ये मेयर चुनाव में वोट नहीं कर सकते हैं। लेकिन वार्ड समिति के सदस्यों के रूप में, उनके पास एक स्थायी समिति में काम करने के लिए 12 MCD क्षेत्रों में से हर में एक प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट करने का अधिकार होता है।
आम आदमी पार्टी और बीजेपी में एल्डरमेन के लिए LG की तरफ से किए गए नामांकन के विकल्पों पर विवाद है। उपराज्यपाल कार्यालय ने पहले दस प्रत्याशियों के नाम का नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन, बाद में दो नाम हटा दिए गए, क्योंकि वे इस पद के लिए अयोग्य थे। AAP ने LG के एल्डरमैन नॉमिनेशन पर सवाल उठाए हैं।
पार्टी की विधायक आतिशी ने दावा किया कि LG की तरफ से चुने गए सभी एल्डरमैन बीजेपी के सदस्य हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक गैर-कानूनी और असंवैधिानिक नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उधर बीजेपी ने AAP पर ‘संवैधानिक प्रावधानों का अनादर’ करने का आरोप लगाया है। LG ऑफिस ने भी AAP के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि DMC अधिनियम लेफ्टिनेंट गवर्नर को एल्डरमैन को नामित करने का अधिकार देता है।