दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को आज करना होगा सरेंडर, इस कारण मिली थी जमानत, जानें क्या है मामला

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नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में दंगे की साजिश रचने के आरोपित उमर खालिद को जहां कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट ने बीते 18 दिसंबर को सात दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी। उसे यह राहत मौसेरी बहन के निकाह में शामिल होने के लिए दी गई थी। वहीं आज यानी 3 जनवरी को उमर खालिद को शाम को जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।

जानकारी दें कि, बीते 18 दिसंबर को दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी, 2020 के दंगों से जुड़े साजिश मामले में आरोपी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद को पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कुछ शर्तों के साथ बुधवार को सात दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी। इन शर्तों में खालिद पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई गई थी। इतना ही नहीं खालिद को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों के अलावा किसी से नहीं मिलने और अपनी याचिका में उल्लेखित स्थानों के अलावा किसी अन्य स्थान पर नहीं जाने के लिए कहा गया है। मामले पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने अपने आदेश में कहा था कि, ‘‘अंतरिम जमानत अवधि के दौरान आवेदक सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा। आवेदक केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिलेगा। आवेदक अपने घर या उन स्थानों पर रहेगा जहां उसके द्वारा बताए गए विवाह समारोह होंगे।”

गौरतलब है कि खालिद ने बीते 1 जनवरी, 2025 को अपने करीबी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए राहत मांगी थी। इस बाबत खालिद को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानत बॉण्ड पेश करने का निर्देश दिया गया था। अन्य शर्तों के अलावा, जज ने खालिद से कहा था कि वह किसी भी तरह से मामले से जुड़े किसी भी गवाह या व्यक्ति से संपर्क न करें। साथ ही उसे मामले के जांच अधिकारी को अपना सेलफोन नंबर देने का भी निर्देश दिया गया था।

वहीं अंतरिम राहत की अवधि पूरी होने के बाद खालिद को आज यानी 3 जनवरी की शाम को जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। उसे दिसंबर 2022 में अपनी बहन की शादी के लिए भी इसी तरह की अंतरिम राहत दी गई थी। जानकारी दें कि, उमर खालिद के खिलाफ 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों का कथित तौर पर साजिशकर्ता होने के लिए आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे। इस मामले में 36 वर्षीय खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच दिल्ली पुलिस का स्पेशल युनिट कर रही है।

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