खार्तूम : सूडान में ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है। इसके बाद से सूडान में गधों की डिमांड अचानक बढ़ गई है। युद्धग्रस्त सूडान में लोग एक बार फिर यात्राओं के लिए गधा गाड़ियों पर निर्भर हो गए हैं। अराजकता और ईंधन की कमी से सामान्य मोटर यातायात पूरी तरह से रुक गया है। बीमार लोगों को अस्पतालों तक ले जाने में मुश्किलें आ रही हैं। राजधानी खार्तूम के दक्षिण में एक छोटे शहर के क्लीनिक में मरीजों को ले जाने का काम हुसैन अली करते हैं। उनकी जर्जर गधागाड़ी एक एंबुलेंस का भी काम करती है।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक अली ने कहा, ‘अभी एक घंटे पहले मैं 15 किमी दूर गांव से एक महिला को लाया था, जिसे प्रसव पीड़ा हुई थी।’ उन्होंने बताया कि गधागाड़ी ही आज के समय मरीजों को अस्पताल ले जाने का एकमात्र तरीका है। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के मुताबिक सूडान के क्रूर युद्ध के कारण हजारों लोग मारे गए हैं। दारफुर शहर में मरने वालों की संख्या अकेले 15000 तक शामिल है। पिछले अप्रैल से लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों (RSF) में संघर्ष चल रहा है।
इस युद्ध से आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ी हैं। बिना सड़कों के परिवहन नहीं हो पा रहा है। जगह-जगह पर चेकपॉइंट बने हैं और पेट्रोल पंप पूरी तरह सूख गए हैं। आरएसएफ के आने के बाद सेना के नियंत्रण वाले क्षेत्रों के ईंधन आपूर्तिकर्ताओं ने पेट्रोल स्टेशनों को तेल देना बंद कर दिया है। ईंधन की कमी ने इसकी कीमतों को भी बढ़ाया है। ईंधन अब 20 गुना महंगा हो गया है। एक लीटर पेट्रोल इस समय 25,000 सूडानी पाउंड या लगभग 20 डॉलर (1654 रुपए) प्रति लीटर में बिक रहा है।
हसन अबुबकर नाम के एक शख्स ने कहा, ‘मैं खार्तूम में युद्ध से बच गया और अल-कादरिफ पहुंच गया। दूसरों की तरह मुझे भी यहां नौकरी नहीं मिली, इसलिए मैंने इस गधा गाड़ी को खरीदने का फैसला किया।’ द इंडिपेंडेट उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार के बाजार में बड़ी संख्या में गधों को बेचने के लिए लाया गया। गधों के दाम बढ़े हैं। एक गधे का दाम 350 से 450 डॉलर (28000- 37200 रुपए) के बीच है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फूड सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा है।