नई दिल्ली : पहली बार भारत की तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने साथ में उड़ान भरी। जोधपुर में आयोजित हवाई अभ्यास के दौरान तीनों सेनाओं के वाइस चीफ ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को उड़ाया। पूरी दुनिया ने यह दुर्लभ नजारा देखा। अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल ए.पी. सिंह ने मुख्य लड़ाकू विमान उड़ाया, जबकि थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि और नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने दो सीट वाले विमान में उड़ान भरी।
‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) द्वारा निर्मित तेजस विमान हवाई युद्ध और आक्रामक हवाई सहायता मिशनों के लिए एक ताकतवर विमान है, जबकि इसकी मदद किसी स्थान का सैनिक सर्वेक्षण और जहाज-रोधी अभियान को भी संचालित किया जा सकता है। एक अधिकारी नेन बताया कि तरंग शक्ति अभ्यास में तीनों सेना के उप प्रमुखों की भागीदारी ने अंतर-क्षेत्रीय सहयोग पर बढ़ते ध्यान आकर्षण को प्रदर्शित किया जिसके तहत आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए थल सेना, नौसेना और वायु सेनाएं एक साथ काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि पहली बार है जब तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों ने एक साथ उड़ान भरी है। उन्होंने कहा कि यह भारत की बढ़ती एकीकृत रक्षा क्षमताओं, आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता का एक सशक्त प्रमाण है तथा तीनों सशस्त्र बलों के निर्बाध एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है। भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित तरंग शक्ति अभ्यास का इसमें भाग लेने वाली सेनाओं के बीच अंतर-संचालन को मजबूत करना है। अधिकारी ने कहा कि प्रतिभागियों की एक श्रृंखला के साथ, भारतीय वायुसेना के नेतृत्व वाले अभ्यास का उद्देश्य घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना है जो असंख्य क्षमताओं के साथ सहयोग को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि मिशन में तेजस को शामिल करना भारत के रक्षा संबंधी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में स्वदेशी मंचों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
इस उड़ान अभ्यास के बाद तीनों सेना के उप प्रमुखों ने भारत और इसमें हिस्सा लेने वाले मित्र देशों की सेनाओं के साथ बातचीत की। तेजस विमान भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार बनने जा रहे हैं। एक जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना को प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) वाले पहले दो तेजस विमान मिले। विमान के अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) की घोषणा फरवरी 2019 में की गई थी।