हर घर तिरंगा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ग्राम लौलाई पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

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लखनऊः उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज लखनऊ के चिनहट ब्लाक के ग्राम लौलाई में स्वयं सहायता समूहो द्वारा तिरंगा झण्डा बनाने के कार्य का अवलोकन किया।हर घर तिरंगा कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ग्राम लौलाई पहुंचे डिप्टी सीएम ने इण्डियन प्रेरणा महिला ग्राम संगठन के कार्यों का निरीक्षण किया और समूहो की महिलाओं से की वार्ता, तिरंगे झण्डे के महत्व और महत्ता को समझाया। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम लौलाई मे 100 तिरंगे झण्डे भी खरीदे। कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा राष्ट्रीय ध्वज बनाने का कार्य सराहनीय है। क्यों मनाया जा रहा है हर घर तिरंगा कार्यक्रम के सवाल पर एक बारगी कई महिलाएं बोल पड़ीं, बोली तिरंगा हमारी आन-बान-शान का प्रतीक है, राष्ट्रीय ध्वज है,हम इसे हरगिज नहीं झुकने देंगे।
इसकी शान बनाये रखेंगे, यकीनन ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आज़ादी के जश्न के माहौल में अपने कार्यों को मुकम्मल अंजाम दे रही हैं और यही नहीं ष्हर हांथ को रोजगार-समृद्ध भारत का आधारष्के नारे के साथ प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने को आतुर हों।

उप मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय ध्वज बनाये जाने के लक्ष्यों व उसके सापेक्ष अब हुए कार्यों की जानकारी हासिल की। यहां समूहों की अन्य गतिविधियों का भी जायजा लिया और कहा कि समूहों द्वारा निर्मित सामग्री के बिक्री हेतु फ्लिप कार्ट व एच सी एल फाउंडेशन जैसी संस्थाओं से समन्वय कर निर्मित सामग्री की ब्रान्डिग करायी जाय। कहा काम की क्वालिटी बनाये रखी जाए। हर घर तिरंगा कार्यक्रम के मद्देनजर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी तिरंगा झंडा तैयार करने व वितरित किए जाने की जिम्मेदारी दी गई है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह स्वयं सहायता समूहों को झंडा बनाने व वितरण के लिए जो टारगेट दिया गया है उसे पूरी तत्परता के साथ पूरा कराने के प्रयास किए जाएं। इससे हर घर तिरंगा कार्यक्रम पूरी तरह सफल और सार्थक होगा ,पूरी गरिमा और गौरव के साथ तो मनाया ही जाएगा, साथ ही स्वयं सहायता समूहों की आमदनी झंडा निर्माण से भी बढ़ेगी और उनके आत्म निर्भर व स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा ।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार झंडा बनाने के लिए प्रदेश में 9361 स्वयं सहायता समूहों की 37725 महिलाएं काम कर रही हैं और लगभग डेढ़ करोड़ झंडे बनाने का लक्ष्य है और अब तक 80 लाख से ऊपर झण्डों का निर्माण किया जा चुका है तथा सरकारी सेक्टर में अब तक 3470861 और प्राइवेट सेक्टर में 435532 झण्डों का वितरण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा चुका है। इस प्रकार से अब तक रू 4.5 करोड़ से अधिक की धनराशि के झण्डे वितरित किए जा चुके हैं। झण्डा बनाने और वितरण करने का कार्य अनवरत रूप से चल रहा है। बताया गया कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रदेश में अनुमानित रू 30 करोड़ की धनराशि के झण्डे बनाये जायेंगे और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगभग रू 3 करोड़ का लाभांश अर्जित किया जायेगा

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