वाराणसी : सावन के तीसरे सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगा है। श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने के लिए रात से ही लंबी कतारों में खड़े हैं। सावन मास के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव अपने भक्तों को विभिन्न रूपों में दर्शन देते हैं। सावन के हर सोमवार को काशी पुराधिपति अलग अलग रूप में सजाए जाते हैं और आज बाबा का विशेष श्रृंगार अर्द्धनारीश्वर रूप में किया गया है। सुबह मंगला आरती के बाद से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। शिव भक्त बाबा के इस विशेष रूप के दर्शन का लाभ उठा रहे हैं। वहीं शिवभक्तों पर वहां मौजूद पुलिसकर्मी पुष्प वर्षा भी कर रहे हैं।
भक्त गंगा नदी में स्नान कर गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ को अर्पित करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। भगवान विश्वनाथ के दर्शन करने आईं जयश्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “हम लोगों को बहुत अच्छे से दर्शन हो गए। यह हमारा सौभाग्य है कि आज के दिन हम भगवान विश्वनाथ के दर्शन कर पाए।” वहीं, मध्यप्रदेश से आए कौशलेंद्र सिंह मुन्नू ने प्रशासनिक व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा, “यहां बहुत अच्छी व्यवस्था है। प्रशासन ने भीड़ को व्यवस्थित तरीके से संभाला। हमने लाइन में लगकर बहुत ही अच्छे ढंग से दर्शन किए।”
भगवान शिव के दर्शन करने पहुंची देवांगी ने कहा, “भीड़ की वजह से हमने भगवान के दर्शन की आस छोड़ दी थी, लेकिन भगवान ने ही शक्ति दी और हमें दर्शन हो गए।” काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक व्यवस्था की है। जगह-जगह पर पुलिसकर्मी तैनात हैं, और श्रद्धालुओं को निर्देशित करने के लिए स्वयंसेवक भी उपस्थित हैं। मंदिर के अंदर और बाहर सुरक्षा कैमरे लगाए गए हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की है, ताकि भक्तजन बिना किसी असुविधा के भगवान शिव के दर्शन कर सकें।