रामनगरी अयोध्या में 2000 साल पुराने साक्ष्य देख सकेंगे भक्त

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अयोध्या : रामनगरी अयोध्या जिसके कण-कण में प्रभु राम का वास है. आज उसी अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर आकार ले रहा है. इसी बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया पर राम जन्मभूमि परिसर में की गई खुदाई के दौरान मिले प्राचीन अवशेषों की एक तस्वीर साझा की, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है.

प्राचीन और पुराने अवशेषों के बारे में आज की युवा पीढ़ी जान सके, इसके लिए राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले प्राचीन मठ मंदिरों के साथ जिसमें अमलक, शंख, खंडित मूर्तियां, देवी देवताओं की प्रतिमा नक्काशीदार पत्थर के दर्शन राम भक्त अब राम मंदिर परिसर में कर सकेंगे. हालांकि, अब भी अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला के दर्शन पूजन करने के बाद श्रद्धालु निकासी मार्ग पर पुराने अवशेष के दर्शन करते हैं. बताया जाता है यह अवशेष 2000 वर्ष पुराने हैं

बताया जाता है कि मंदिर-मस्जिद विवाद में राम मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान मिले इन्हीं अवशेषों की बदौलत ही सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला भी सुनाया था. हालांकि, रामलला के दर्शन कर निकालने के बाद भक्तों को प्राचीन अवशेषों के दर्शन मिलते हैं. इन अवशेषों में कुछ पत्थर ऐसे हैं जो 2003 में एएसआई द्वारा राम जन्मभूमि परिसर के चारों तरफ खुदाई के दौरान प्राप्त हुए थे और कुछ अवशेष ऐसे हैं जो उसके पहले के बताए जाते हैं.

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि जब राम मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे तब भक्त दर्शन करने आएंगे. भक्त की जिज्ञासा होगी कि वह पुराने और प्राचीन अवशेष का भी दर्शन पूजन कर सकें. इसके लिए पुराने अवशेष को राम मंदिर के दर्शन मार्ग पर रखा जाएगा. आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि जब भक्त राम मंदिर में रामलला का दर्शन पूजन कर निकलेंगे तो उन्हें प्राचीन अवशेष दिखाए जाएंगे, ताकि उन्हें भी साक्ष्यों के दर्शन हो सकें.

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