यमुनोत्री तक पहुंचने में कठिन चढ़ाई चढ़ने से श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत, खरसाली से यमुनोत्री तक बनेगा रोपवे
नई दिल्ली. यमुनोत्री की यात्रा पर आने वाले समय में पर्यटकों को कठिन चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। उनका यमुनोत्री तक का सफर आसान हो जाएगा। जल्द ही श्रद्धालुओं को रोपवे की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने जानकी चट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री धाम तक बनने वाले रोपवे के लिए अनुबंध किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में गुरुवार को देहरादून में प्रदेश के पर्यटन विभाग व निजी निर्माण कंपनी एसआरएम इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया। यह रोपवे 3।38 किलोमीटर लंबाई का होगा, जो मोनो-केबल डिटैच्चेबल होगा। इसका निर्माण यूरोपीय मानको के अनुसार फ्रांस और स्विट्जरलैंड की तर्ज पर किया जायेगा। इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 पर्यटकों को ले जाने की होगी। रोपवे के एक कोच की क्षमता आठ यात्रियों की है। इस प्रोजेक्ट को पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मोड पर निर्मित किया जाना है।
उत्तराखंड सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जोर देती रही है। इस कड़ी में यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था, रेस्त्रां आदि का निर्माण प्रस्तावित है। 166।82 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1।787 हेक्टयेर भूमि पर बनाया जाएगा, जबकि अपर टर्मिनल 0।99 हेक्टेयर भूमि पर निर्मित होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा “कि इस बहु प्रतीक्षित परियोजना के पूरा होने से विश्व प्रसिद्ध चार धामों में प्रमुख यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा।। इस रोपवे परियोजना से श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए साढ़े पांच किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी।