रियाद: सऊदी अरब के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को घोषणा की कि धू-अल-हिज्जा का चांद देखा गया है। शुक्रवार यानी 7 जून 2024 से इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने की शुरुआत हुई। सऊदी मीडिया के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 29 जिल्काद को देश के अलग-अलग हिस्सों से चांद देखने के बारे में सूचना मिली थी। बयान में पुष्टि की गई कि जिलहज का पहला दिन शुक्रवार को होगा। इस कारण सऊदी अरब में ईद उल अजहा 16 जून (16 June) को मनाया जाएगा। जबकि 15 जून को अराफात का दिन मनाया जाएगा।
जिलहज का चांद अन्य खाड़ी देशों के साथ-साथ यूके, यूएस और कनाडा में भी दिखाई दिया। सऊदी अरब को इस साल के हज के लिए दुनिया भर के तीर्थयात्रियों की रेकॉर्ड संख्या की उम्मीद है। इसे लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। गर्मी की तीव्रता को कम करने के लिए अराफात में सड़कों को सफेद रंग से रंगना शामिल है। पाकिस्तान में रूएत-ए-हिलाल कमेटी जिलहज के लिए चांद 7 जून को देखेगा। एक सऊदी अधिकारी ने कहा, ‘इस साल के हज में ऐतिहासिक संख्या में तीर्थयात्री आएंगे और हमने उनकी सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए व्यापक उपाय किए हैं।’
पाकिस्तान की ही तरह भारत में भी शुक्रवार को धू-अल-हिज्जा का चांद देखने की कोशिश होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक चांद नजर आया तो ठीक नहीं तो भारत में 17 जून को बकरीद मनाया जाएगा। चांद दिखने से धू-अल-हिज्जा की शुरुआत होती है। यह महीने बेहद खास है, क्योंकि इसमें हज किया जाता है। इसी महीने में बकरीद का त्योहार मनाते हैं। दुनिया भर में मुस्लिम इस महीने के दसवें दिन मवेशियों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी पैगंबर इब्राहिम और इस्माइल के अल्लाह के प्रति प्रेम को याद करने के लिए होती है।