डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से पांव पसार रही है। आने वाले दस साल में देश में 9 करोड़ से ज्यादा लोग टाइप 2 डायबिटीज की गिरफ्त में होंगे। अगर जीवनशैली और खानपान में बदलाव नहीं किया गया तो आने वाले वक्त में सबसे ज्यादा युवा डायबिटीज की चपेट में होंगे। कार्यस्थल के तनाव से लेकर निजी जीवन की उलझनों की वजह से युवाओं का रहन-सहन से लेकर खानपान ऐसा हो गया है कि उनको आसानी से डायबिटीज हो सकता है। उनका ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। डायबिटीज को रोकने के लिए जरूरी है कि ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाए, जो कि खानपान में बदलाव किए और पौष्टिक आहार लिए नियंत्रित नहीं होता है। ऐसे में अगर आप डायबिटीज से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको अपने खानपान को बदलना होगा।
मछली
अगर आप मांसाहारी हैं तो अपने खाने में मछली शामिल करें। मछली को धरती पर सबसे स्वस्थ फूड की संज्ञा दी गई है। मछली में ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा होती है जो आपके हार्ट के लिए बेहद लाभकारी होता है। अगर आप अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में मछली शामिल करते हैं तो आपको डाइबिटीज का खतरा कम रहता है। स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी से भी सुरक्षा होती है।
अंडे
डाइट में अंडे शामिल करने के कई लाभ हैं। नियमित डाइट में सीमित मात्रा में अंडे लेने से हार्ट की बीमारी का खतरा कम रहता है। अंडे भी दालचीनी की ही तरह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं। ये इंसान के अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाते हैं। शोध में यह बात सामने आई है कि टाइप-2 डाइबिटीज वाले जिन मरीजों ने हर रोज दो अंडे अपनी डाइट में शामिल किए, उनके कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहा। इसके अलावा अंडे में भरपूर मात्रा में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा होती है।
पत्तेदार साग
पत्तेदार सब्जियां बेहद पौष्टिक होती हैं। इनमें कम कैलोरीज होती है। नियमित डाइट में पत्तेदार सब्जियों को शामिल करने से डाइबिटीज का खतरा कम रहता है। पत्तेदार सब्जियों से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के विटामिन और खनीज भी मौजूद होते हैं। पत्तेदार साग में एंटीऑक्सीडेंट ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की भरपूर मात्रा होती है।