नई दिल्ली : शरीर में इन्सुलिन हार्मोन के स्रावण में कमी से डायबिटीज रोग होता है। डायबिटीज आनुवांशिक या उम्र बढ़ने पर या मोटापे के कारण या तनाव के कारण हो सकता है। डायबिटीज ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को काफी परहेज से रहना होता है। डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से ब्लड शुगर चेक करने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी तरह की खतरे से बचा सके। शुगर लेवल बढ़ जाने पर दिल, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी और आंखों से जुड़ी दिक्कत बढ़ जाती है। दवा के अलावा कुछ नेचुरल तरीके से भी डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए करेला एक दवा का काम करता है। करेला को एंटी-डायबिटीज भी कहा जाता है। इसमें पाए जाने वाले चारटिन और मोमोर्डिसिन होते हैं जो डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि सुबह-सुबह करेला का जूस पीने से ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। आप इसमें अपनी पसंद की कोई सब्जी या आंवला मिलाकर भी पी सकते हैं।
दालचीनी एक ऐसा मसाला है जिसके कमाल के फायदे हैं। ये डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इससे शरीर बेहतर तरीके से इंसुलिन का उपयोग कर पाता है। डॉक्टर्स दिन में दो बार 250 मिलीग्राम दालचीनी लेने की सलाह देते हैं। खाने से पहले इसे लेना ज्यादा फायदेमंद होता है।
नीम एक सदियों पुरानी जड़ी-बूटी है जिस पर सालों से लोग भरोसा करते आए हैं। त्वचा और दांतों की समस्याओं से लेकर डी-टॉक्सीफिकेशन तक, नीम बहुत उपयोगी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नीम में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड और ट्राइटरपेनोइड्स नामक केमिकल होते हैं जो शरीर में ग्लूकोज बढ़ने से रोकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि दिन में दो बार नीम पाउडर को पानी के साथ लेने से लाभ होता है। इसे चाय या खाने में भी मिलाकर लिया जा सकता है।
अदरक खाने के अनगिनत फायदे हैं खासतौर से डायबिटीज के मरीजों में ये इंसुलिन को कंट्रोल करता है। ये एक ऐसी चीज है जिसे बड़ी आसानी से डाइट में शामिल किया जा सकता है। आप इसे चाय में डालकर पी सकते हैं, या फिर अदरक हल्दी का दूध बनाकर पी सकते हैं। ध्यान रखें कि पके की तुलना में कच्चा अदरक ज्यादा फायदा देता है। आप सौंठ का भी सेवन कर सकते हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन एक जादुई फल की तरह है। ये ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से कंट्रोल करता है। जामुन में जैम्बोलिन नामक कंपाउंड होता है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। ये इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। ये शरीर में इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने में सहायता करता है। ये डायबिटीज के मरीजों में बिगड़े हुए फास्टिंग ग्लूकोज को भी सुधारता है।
यह एक पौधे की जड़ है जो मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका में उगाई जाती है। इंसुलिन को सुधारने में ये काफी कारगर माना जाता है। जामुन और मेथी की तरह ये भी शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाता है। डॉक्टर्स इसे रोजाना 3 ग्राम लेने की सलाह देते हैं। हालांकि ब्लड थिनर लेने वालों को इससे कोई विशेष लाभ नहीं मिलता है।
मेथी शरीर में ग्लूकोज टॉलरेंस को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसमें काफी मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है जो कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) के अवशोषण और पाचन को धीमा करके ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। रोजाना 10 ग्राम मेथी का सेवन करने से डायबिटीज के कारण होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। आप इसे पाउडर की तरह या पानी में उबालकर भी ले सकते हैं।