अपने गुरु को परमात्मा घोषित कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शिष्य:अदालत ने लगा दिया एक लाख जुर्माना

0 132

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आध्यात्मिक नेता श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र को ‘परमात्मा’ घोषित करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार ने कहा कि भारत में सभी को अपने धर्म का पालन करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), नेशनल क्रिश्चियन काउंसिल, रामकृष्ण मठ, गुरुद्वारा बंगला साहिब, श्री पालनपुरी स्थानकवासी जैन एसोसिएशन, बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया को पक्षकार बनाया है।

पीठ ने व्यक्तिगत रूप से पेश हुए याचिकाकर्ता उपेंद्रनाथ दलाई से कहा, “आप यह नहीं कह सकते कि सभी को केवल एक धर्म का पालन करना है।” याचिका को ‘पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन’ करार देते हुए बेंच ने कहा, “अगर आप चाहें तो उन्हें ‘परमात्मा’ मान सकते हैं। इसे दूसरों पर क्यों थोपें?” पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि “यह कैसे संभव है कि देश के सभी नागरिक आपके ‘गुरुजी’ को स्वीकार कर लें।” इसमें कहा गया है कि भारत में सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि याचिका ‘पूरी तरह से गलत’ है, जिसे एक लाख रुपये के अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह लागत आज से चार सप्ताह के भीतर इसकी रजिस्ट्री में जमा करनी होगी। सुनवाई खत्म करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, “अब लोग ऐसी जनहित याचिकाएं दाखिल करने से पहले कम से कम चार बार सोचेंगे।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.