लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (डीएसएमएनआरयू) की 26 वर्षीय दिव्यांग छात्रा अंजलि यादव छात्रावास के कमरे में फंदे से लटकी हुई पाई गई। उसे लोक बंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अंजलि बीएड सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा थी। छात्रों का कहना है कि अंजलि सहित कई छात्राओं को सेमेस्टर परीक्षा में एक विषय में कम अंक मिले थे, जिसके बाद उन्होंने कॉपी की दोबारा जांच कराने की मांग की थी, लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उनकी मांग खारिज कर दी थी।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात करीब 8 बजे कुछ छात्राएं अंजलि को खाना खाने के लिए बुलाने के लिए उसके कमरे में पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन जब बार-बार दस्तक देने के बावजूद अंजलि ने दरवाजा नहीं खोली तो उन्होंने बल प्रयोग कर दरवाजे को खोला।दरवाजा खोलते ही छात्राओं के होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि अंजलि पंखे में बंधे फंदे से लटकी हुई है। इसकी सूचना हॉस्टल वार्डन को दी गई। तत्काल अंजलि को नजदीक के लोकबंधु अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत की पुष्टि हुई।
लोक बंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि अंजलि को अस्पताल में मृत लाया गया था। त्रिपाठी ने कहा, “हमने पुलिस को सूचित किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रथम दृष्टया लगता है कि अंजलि ने फांसी लगाई है।” काकोरी के सहायक पुलिस आयुक्त, आदित्य विक्रम सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उन्हें आत्महत्या की सूचना दी गई है, कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
घटना के बाद डीएसएमएनआरयू के कई छात्रों ने मोहन रोड हाईवे को जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया और बीएड छात्रा के लिए न्याय की मांग की। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति को रोकने के लिए परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है।