लखनऊ। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर दिव्यांगजनों के लिए राजधानी और दूरंतो छोड़कर अब लम्बी दूरी की सभी एक्सप्रेस ट्रेनों की एसी थ्री इकोनॉमी बोगियों में दो सीटें (लोअर और मिडिल) आरक्षित की जाएंगी। इससे लखनऊ सहित सभी मंडलों से आवागमन करने वाली लम्बी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों की एसी इकोनॉमी बोगियों में दिव्यांग यात्रियों को आरक्षित सीटों की सुविधा मिलेगी।
चार और जनरल एसी कोच में दो सीटें आरक्षित होगी
रेलवे बोर्ड के निदेशक (पैसेंजर मार्केटिंग) संजय मनोचा ने लखनऊ सहित सभी जोन के मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों (पीसीसीएम) को दिव्यांग यात्रियों के लिए राजधानी और दूरंतो को छोड़कर लम्बी दूरी की सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में दो सीटें आरक्षित करने का निर्देश जारी कर दिया है। दिव्यांगजनों के लिए लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) के स्लीपर में चार और जनरल एसी कोच में दो सीटें आरक्षित होती हैं।
स्लीपर और जनरल एसी थर्ड की जगह एसी इकोनॉमी बोगियों का उपयोग
रेलवे ने सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए ट्रेनों में अब स्लीपर और जनरल एसी थर्ड की जगह एसी इकोनॉमी बोगियों का उपयोग करने लगा है। इन कोचों में यात्रा करने वाले लोगों को जनरल एसी थर्ड से लगभग नौ प्रतिशत कम किराया देना पड़ता है, साथ ही प्रति कोच में 11 सीटें भी बढ़ जाती हैं।
रेलवे आने वाले दिनों में ट्रेनों में स्लीपर के अधिकतम पांच कोच ही लगाएगा। शेष एसी इकोनॉमी, एसी सेकेंड व एसी फर्स्ट श्रेणी के कोच लगाए जाएंगे। रेलवे ने एसी थ्री इकोनामी कोच लगाने की शुरुआत भी कर दी है। प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे को 57 एसी थ्री इकोनामी कोच की स्वीकृति प्रदान की गई है, इसमें कई मिल भी चुके हैं। लखनऊ से मुम्बई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में एसी थ्री इकोनॉमी कोच लगने लगे हैं। दिव्यांगजनों के अलावा वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती और 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए स्लीपर में 06 और एसी थर्ड में 03 लोअर सीटें आरक्षित रहती हैं।
दो सीटें दिव्यांगजनों के लिए निर्धारित
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार ने गुरुवार को बताया कि दिव्यांगजनों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए लम्बी दूरी की मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर में चार और एसी थर्ड में दो सीटें (बर्थ) निर्धारित हैं। इसी क्रम में जिन ट्रेनों में एसी थ्री इकोनॉमी कोच लगे हैं, उनमें दो सीटें दिव्यांगजनों के लिए निर्धारित (आरक्षित) की गई हैं। इससे दिव्यांग यात्रियों का सफर और अधिक आरामदायक हो सकेगा।