‘ज्यादा मक्खन लगाने वाला नहीं, काम पसंद आए तो वोट दें वरना…’, नितिन गडकरी की दो टूक

0 231

नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने साफ-साफ कहा कि यदि लोगों को उनका काम पसंद आए तो वोट दें, नहीं तो मत दें। सोमवार को नागपुर में वह डॉ मोहन धारिया राष्ट्र निर्माण पुरस्कार कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस के चलते उन्होंने कहा कि वह वोट के लिए मक्खन लगाने वाले नहीं हैं।

गडकरी ने कहा, ‘मैं देश में जैव ईंधन एवं वाटरशेड संरक्षण सहित कई प्रयोग कर रहा हूं। यदि लोग इन्हें पसंद करते हैं, तो ठीक है… नहीं तो मुझे वोट मत दें। मैं राजनीति के लिए ज्यादा मक्खन लगाने को तैयार नहीं हूं।’ नितिन गडकरी ने कहा कि जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और बंजर भूमि के सही उपयोग जैसे क्षेत्रों में प्रयोग की बहुत गुंजाइश है। हमारी तरफ से इसे लेकर बड़ी लगन से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे इससे प्यार भी है। गडकरी ने कहा, ‘भविष्य में हमें इस क्षेत्र में और ज्यादा मेहनत करनी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यह न सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत भी बदल सकता है। हमने देश भर में इस प्रकार के कई प्रयोग आरम्भ किए हैं। यदि लोगों को यह पसंद आया, तो वे मुझे वोट देंगे… नहीं तो वे मुझे खारिज भी कर सकते हैं। वे मेरी जगह किसी और चुन सकते हैं।’ नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति पैसे कमाने का धंधा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘राजनीति का अर्थ सामाजिक कार्य, राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना और विकास से जुड़े कार्य करना भी है। सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ही राजनीति का मुख्य लक्ष्य है।’ गडकरी ने कहा कि सतत विकास आधुनिक दुनिया में कामयाबी की मुख्य कुंजी है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के बिना विकास टिकने वाला नहीं है। मॉर्डन वर्ल्ड में विकास भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बांस के उपयोग पर भी जोर दिया। आर्थिक विकास को लेकर वह बांस की खेती की वकालत करते दिखाई दिए। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के किसानों की आर्थिक प्रगति के लिए बांस की खेती शानदार विकल्प है। बहुत कम निवेश से ही किसान बांस की खेती से लाभ कमा सकते हैं।’ इसी प्रकार उन्होंने गन्ने से इथेनॉल बनाने की भी महवत्ता बताई। गडकरी ने कहा कि राज्य में किसानों के लिए यह एक एवं लाभ कमाने का जरिया साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि इथेनॉल के उपयोग से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में सहायता मिल सकती है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.