नई दिल्ली : टमाटर की बढ़ती हुई कीमतों से आम आदमी काफी परेशान है और सवाल कर रहा है कि अब क्या टमाटर भी खाने को नहीं मिलेंगे? गौरतलब है कि टमाटर की कीमतें 200 रुपए प्रतिकिलो के रेट को पार कर चुकी हैं। ऐसे में आम नागरिक इन्हें खरीदने से बच रहा है। हालांकि इस बीच केंद्र ने एक ऐसा फैसला किया है, जिससे आम नागरिकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
केंद्र ने बुधवार को सहकारी समितियों नेफेड और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया है। आम लोगों को राहत देने के लिए प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों पर घटी दरों के साथ टमाटर वितरित किए जाएंगे। पिछले एक महीने में टमाटर की खुदरा कीमतों तेजी से बढ़ी हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे। भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने से देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ टमाटर खरीदेंगे।
मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में जिन स्थानों पर खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक रही हैं, वहां टमाटर घटी कीमतों पर वितरित किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि जिन स्थानों पर टमाटर की खपत अधिक है, वितरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि आमतौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है। इसके अलावा जुलाई में मानसून के चलते आवागमन संबंधी बाधाओं के चलते भी कीमतें बढ़ी हैं। दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है। इसके अलावा दक्षिण के राज्य टमाटर उत्पादन में अग्रणी हैं। मंत्रालय ने कहा कि नासिक जिले से नयी फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ”निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।”