नई दिल्ली : सनानत धर्म में किसी भी तरह का शुभ, मांगलिक कार्य या 16 संस्कार करने से पहले शुभ-अशुभ योग देखने की परंपरा है. जैसे शादी-विवाह के लिए शुक्र या गुरु ग्रह की शुभ स्थिति देखी जाती है. वैसे ही हर महीने लगने वाले पंचक में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. हिंदू धर्म में पंचक का विशेष महत्व माना गया है. गुरुवार, 2 मई 2024 यानी आज से पंचक लग चुका है, जो कि मंगवार, 6 मई 2024 तक रहेगा. आइए जानते हैं कि पंचक क्या होता है और इसमें कौन से कार्य वर्जित होते हैं.
पंचक पांच दिन तक रहते हैं. चंद्रमा जब धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करता है. इसके बाद जब चंद्रमा शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चार पदों पर गोचर करता है तो इसे पंचक कहा जाता है. आसान भाषा में समझें तो जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है तो इसे पंचक कहते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में पंचक की अवधि को बहुत ही अशुभ माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि पंचक काल में यदि किसी इंसान की मौत हो जाए तो उसकी मृत्यु के बाद घर-परिवार के सदस्यों या फिर उस क्षेत्र के लोगों पर भी संकट मंडराने लगता है. इसलिए पंचक को बहुत ही अशुभ मानते हैं.
हालांकि सारे पंचक अशुभ नहीं होते हैं. गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक दोष रहित होते हैं. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है. गुरु पंचक में पांच कार्यों को छोड़कर कोई भी काम किया जा सकता है.
गुरु पंचक में न करें ये काम
1. दक्षिण दिशा में यात्रा- पंचक काल में लोगों को दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए.
2. लकड़ी इकट्ठा करना- पंचक लगते ही लकड़ी इकट्ठा करना या लकड़ी से जुड़े कार्य करने की मनाही होती है. इसलिए इस अवधि में ऐसा कोई भी कार्य करना से बचें.
3. दाह संस्कार- यदि पंचक में किसी इंसान की मृत्यु हो जाए तो परिवार के सदस्यों की रक्षा के लिए दाह संस्कार के वक्त आटे, बेसन और कुश (घास) से 5 पुतले बनाकर मृतक के साथ उनका अंतिम संस्कार करना चाहिए.
4. पलंग या चारपाई बनवाना- पंचक में पलंग या चारपाई बनवाना भी अशुभ माना जाता है. इसलिए पंचक में यह गलती भूलकर भी न करें.
5. शादी-विवाह- पंचक का अशुभ काल शुरू होने के बाद विवाह, मुंडन और नामकरण संस्कार आदि कार्यक्रम वर्जित माने जाते हैं.