नई दिल्ली : छठ पूजा की शुरुआत इस साल 7 नवंबर 2024 से हो रही है. ये बिहार और झारखंड का सबसे बड़ा पर्व है जो पूरे देश में बेहद धूम धाम के साथ मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है. यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होता है और सप्तमी तिथि तक चलता है. चार दिनों तक चलने वाला ये पर्व सभी के लिए बहुत खास और एहम होता है. इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है. छठ पूजा में सूर्य देव के साथ उनकी बहन छठ मैया की भी पूजा की जाती है.
छठ पूजा को लेकर कई मान्यताए है जो इस के व्रत को और भी खास बनाती है. छठ पूजा पर रखे जाने वाला व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है उनकी लंबी उम्र ,अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिया 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते है. यह व्रत महिलायें रखती है और इसके कुछ कड़े नियम भी है जिनका पालन भी करना पड़ता है.
इन बातों का रखें ध्यान
व्रती महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य दिए बिना कुछ भी ना खाएं. पहले और दूसरे दिन सूर्य को जल देने के बाद ही भोजन करें और व्रत रखने वाली महिलाएं जमीन पर ही सोएं.
पूजा में किसी भी तरह का चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस पूजा में केवल मिट्टी के चूल्हे और बर्तनो का ही इस्तेमाल करें.
पूजा के प्रसाद को गलती से भी बनाते हुए जूठा ना करें और प्रसाद बनाने से पहले कुछ भी न खाए.
पूजा में साफ-सफाई का खास ख्याल रखें. 36 घंटो के व्रत और पूजा करने के दौरान साफ कपड़े पहने और इस बात पर ध्यान रखें की पूजा की चीज़ो को साफ हाथ से ही छुएं.
छठ पूजा के दौरान बिकुल भी मांसाहारी भोजन, लहसुन और प्याज़ का सेवन ना करें.
प्रसाद बनाने की जगह पर भोजन न करें.
छठ का व्रत रखने वाले अपनी वाणी पर संयम रखें किसी को भी अपशब्द न कहे अन्यथा आपको पूजा का फल नहीं मिलेगा.