नई दिल्ली : वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत के दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि इस बार निर्जला एकादशी व्रत 31 मई 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के एकादशी व्रत के दिन शुभ मुहूर्त मे ‘श्रीहरि’ की उपासना करने से सुख एवं समृद्धि के साथ भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. लेकिन निर्जला एकादशी के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. माना जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन पूजा या व्रत पालन के दौरान कुछ कामों को करने से बचना चाहिए।
निर्जला एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम
अगर अपने निर्जला एकादशी के व्रत का संकल्प लिया है तो आपको इस दिन पानी पीने से बचना चाहिए।व्रत रखने की क्षमता को देखकर ही व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
विष्णु पुराण के अनुसार, निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पान चढ़ाने की परंपरा निभाई जाती है। ऐसे में इस दिन पान खाने से बचना चाहिए।अगर आपने व्रत नहीं भी रखा है तब भी नपान न खाएं।
निर्जला एकादशी समेत किसी भी एकादशी और यहां तक कि द्वादशी पर भी तामसिक भोजन जैसे कि मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन नहीं खाना चाहिए।इनका स्पर्श भी इस दिन वर्जित माना गया है।
निर्जला एकादशी के दिन देर तक न सोएं. इस दिन काले वस्त्र पहनें से बचना चाहिए।
इस दिन बाल कटवाना, शेविंग करवाना और नाखून काटना नहीं चाहिए।
निर्जला एकादशी के दिन चावल और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए।
एकादशी के दिन करें ये उपाय
इस दिन पीले वस्त्र, फल, चप्पल, पानी, शरबत आदि का दान करें।
पितृ और चंद्र दोष से मुक्ति के लिए निर्जला एकादशी पर पानी का दान जरूर करें।
निर्जला एकादशी पर प्याऊ लगवाने और मीठा पानी और शरबत बांटना चाहिए।
इस दिन पक्षियों को दाना डालें और गाय को खाना खिलाएं।