उज्जैन : ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन स्नान के दिन गंगा स्नान करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन, गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद किसी ब्राह्मण को चंद्रमा से जुड़ी चीजें जैसे सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही या फिर चांदी का दान करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 21 जून 2024 को प्रातः 06 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 22 जून 2024 को प्रातः 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून, शुक्रवार को किया जाएगा और स्नान-दान 22 जून, शनिवार के दिन किया जाएगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा निकलने के बाद एक बर्तन में दूध भरकर उसमें चीनी और कच्चे चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए और इस दौरान चंद्रमा मंत्र का जाप करना चाहिए। माना जाता है कि इससे आर्थिक परेशानियां दूर होंगी और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
पूर्णिमा के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में लपेटकर मंदिर में देवी लक्ष्मी के चरणों में रखा जाता है। इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें और चौकी पर हल्दी या केसर से तिलक करें। थोड़ी देर बाद ढक्कन हटाकर अपने कपड़ों के साथ तिजोरी में रख देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में धन की कमी नहीं होती है। उसी कौड़ी को दोबारा निकालकर उसकी पूजा करें और वापस तिजोरी में रख दें।
यदि आपके मन में ऐसा है तो आपको ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए और दूध में शहद और चंदन मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। माना जाता है कि इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।
पीपल पर जल दें
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ को मिठाई और जल चढ़ाना चाहिए। इससे आपके जीवन की परेशानियां दूर होंगी और मां लक्ष्मी की कृपा भी होगी।