नई दिल्ली : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी या फिर आंवला नवमी के नाम से जाना जाता है. इस बार आंवला नवमी का व्रत 21 नवंबर, मंगलवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से सुख, शांति, सद्भाव और वंश वृद्धि के फल की प्राप्ति होती है. जानें आज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
शुभ मुहूर्त 2023
बता दें कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 21 नवंबर, मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन अक्षय नवमी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त मंगलवार सुबह 6 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 7 मिनट तक है. अक्षय नवमी पर पूजा की कुल अवधि 5 घंटे 19 मिनट तक है.
जानिए अक्षय नवमी की पूजा विधि
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि किया जाता है.
– इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसलिए अगर संभव हो तो घर में नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें.
– स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. गंगाजल से आचमन करें. फिर अक्षय नवमी के व्रत का संकल्प लें.
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्रत का संकल्प लेने के बाद आंवले के पेड़ में जल अर्पित करें. और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें. इसके बाद आंवले के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और उस पर लाल या पीला कलावा बांधें.
– आमंवले के पेड़ की पूजा करें और भगवान विष्णु को हाथ जोड़कर प्रणाम करें.
– इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. और श्री हरि की कृपा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
करें ये खास उपाय
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप धन-संपदा में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो अक्षय नवमी के दिन आंवले का पेड़ लगाएं. वास्तु के हिसाब से भी इस दिन आंवले के पेड़ लगाना शुभ माना गया है. इससे धन संपदा में वद्धि होती है और यश ज्ञान की प्राप्ति होती है.
– घर परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करें. अगर आंवले का पेड़ नहीं है, तो इस दिन आंवला खरीद कर घर लाना भी शुभ माना गया है. इससे घर परिवार में सुख शांति का वास होता है.
– अपनी बुद्धि में वृद्धि करना चाहते हैं, तो स्वास्थ्य को बेहतर रखना जरूरू है. ऐसे में स्नान आदि के बाद आंवले के पेड़ की विधिवत पूजा करें. उसकी जड़ में दूध मिला जल चढ़ाएं. इससे आयु में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है.