नई दिल्ली। प्रत्येक करदाता को टैक्स भुगतान से पहले अपनी आय का लेखा-जोखा देना पड़ता है, जिसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी कि ITR भरना पड़ता है। ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि आईटीआर फाइलिंग एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके जरिए आयकर विभाग आपके कर योग्य आय का ब्योरा रखती है। पर आपको बता दें कि इसका काम केवल आय और व्यय की जानकारी देना नहीं है, बल्कि एक ITR के कई और लाभ भी हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
हम में से कई लोग PPF और किसान विकास पत्र जैसी योजनाओं पर निवेश करते हैं, जिसका लाभ कर छूट के रूप में धारा 80C में मिलता है। इसमें अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है। हालांकि, यह छूट तब मिलेगी, जब करदाता ने ITR फाइलिंग की होगी। इसलिए विभिन्न निवेशों के जरिए अगर टैक्स में छूट लेना चाहते हैं तो ITR फाइल करना जरूरी है।
ITR के फाइल करने का सबसे बड़ा बेनेफिट लोन लेने के समय होता है। किसी भी तरह के लोन को लेने के लिए जरूरी दस्तावेजो में ITR फाइल भी है। इसकी फाइलिंग करने से बैंक का आपके प्रति विश्वास बढ़ता है और आपको जरूरत के समय आसानी से लोन मिल जाती है।
समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से फाइनेंशियल हिस्ट्री में भी सुधार आता है, जिसकी वजह से क्रेडिट स्कोर भी सुधर जाता है। बता दें कि क्रेडिट स्कोर का अच्छा होना किसी भी बैंक में लोन आवेदन के लिए जरूरी है। यह न सिर्फ आसान लोन उपलब्ध कराती है, बल्कि इसके जरिए कम ब्याज दर की सुविधा भी मिलती है।