तालिबान से लोहा ले चुका माइक वॉल्ट्ज को डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया अमेरिका का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

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Washington D.C: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है। इस पद के लिए उन्होंने तालिबान से लोहा ले चुके माइक वॉल्ट्ज को चुना है। फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज को ट्रंप ने अपना नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर घोषित किया है। जो उनकी आगामी सुरक्षा रणनीतियों में महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। माइक वॉल्ट्ज ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ाई की है और चीन के प्रति भी उनका रुख कड़ा रहा है।

माइक वॉल्ट्ज की राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में नियुक्ति से चीन और अन्य देशों के साथ अमेरिका के सुरक्षा संबंधों के प्रति सख्त रुख अपनाने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि उनका सैन्य अनुभव बहुत ही गहरा और व्यापक है। उन्होंने अफगानिस्तान युद्ध के दौरान तालिबान के खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ी है। इसके अलावा उन्होंने मध्य पूर्व और अफ्रीका में भी सेवाएं दी है। इसके अलावा वह चीन के कट्टर आलोचक रहे हैं और उसकी नीतियों पर सवाल उठाते नजर आते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी प्रचार के दौरान कहा भी था कि अगर वह सत्ता में आएंगे तो युद्ध रोक देंगे। ऐसे में माइक वॉल्ट्ज का विदेशों से तनाव को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति में वॉल्ट्ज
माइक वॉल्ट्ज के राष्ट्रीय सलाहकार बनने के बाद ट्रंप की विदेश नीति और सुरक्षा नीति में सख्त रुख अपनाने की संभावना बढ़ सकती है। इस पद पर रहते हुए वॉल्ट्ज प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना, राष्ट्रपति को जानकारी देना, नीतियां लागू करना और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से बचने के लिए रणनीति बनाना उनका प्रमुख काम होगा। अमेरिका में यह पद बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। बता दें कि सीनेट की पुष्टि के बिना राष्ट्रपति इस पद पर नियुक्ति कर सकता है।

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बदले। जिसमें से पहले सलाहकार सिर्फ 22 दिन तक ही पद पर रह पाए। वहीं, बाकी सलाहकार को ट्रंप ने कुछ मुद्दों में नीतिगत मतभेदों के चलते पद से हटा दिया था। इस बार चुने गए राष्ट्रीय सलाहकार माइक वॉल्ट्ज डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक रहे हैं। वह ट्रंप के अवैध आव्रजन के जीरो टॉलरेंस वाले रुख और यूक्रेन को अमेरिकी मदद पर शंका का समर्थन करते नजर आ चुके हैं इसके अलावा चीन के खिलाफ सख्त रुख चीन की चिंता को बढ़ा सकता है।

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