विवाह संबंधी बाधाएं दूर करने के लिए करें विवाह पंचमी पर दान

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lucknow : विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान राम और माता सीता के पवित्र विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम और माता सीता ने विवाह बंधन में बंधे थे. इसलिए इस दिन को विवाह के पावन बंधन का प्रतीक माना जाता है. भगवान राम और माता सीता के प्रेम और समर्पण का प्रतीक होने के कारण विवाह पंचमी का विशेष महत्व होता है. भगवान राम और माता सीता के आदर्श दांपत्य जीवन को देखते हुए विवाहित जोड़े इस दिन विशेष पूजा करते हैं.

पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी की शुभ तिथि 5 दिसंबर को सुबह 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा, जिसका समापन 6 दिसंबर सुबह 12 बजकर 07 मिनट पर होगा. उदय तिथि के अनुसार, 6 दिसंबर 2024 को ही विवाह पंचमी मनाई जाएगी. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग का भी निर्माण होने वाला है. इसलिए यह दिन बेहद शुभ होने वाला है.

विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर दो योग का निर्माण हो रहा है. जिनमें पहला सर्वार्थ सिद्ध योग है. तो वहीं दूसरा रवि योग जो की सुबह 7:00 से लेकर शाम 5:18 बजे तक रहेगा. वहीं, रवि योग 5:18 से शुरू होकर अगले दिन 7 दिसंबर को सुबह 7:01 तक रहेगा. इस दिन केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. इससे जीवन में सुख और समृद्धि आता है. यह उन कन्याओं के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, जो विवाह के योग्य है. केले के पेड़ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक माने जाते हैं.

विवाह पंचमी के दिन ये चीजें करें दान
सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मांगलसूत्र आदि दान करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
गरीबों को कपड़े दान करने से पुण्य मिलता है और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
गरीबों को अनाज दान करने से घर में धन का आगमन होता है और सुख-शांति रहती है.
फल दान करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मन प्रसन्न रहता है.
मिठाई दान करने से घर में खुशियां आती हैं.
गाय का दूध दान करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

दान करने से मिलते हैं ये लाभ
विवाह पंचमी के दिन दान करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और विवाह के योग बनते हैं.
इस मौके पर दान करने से वैवाहिक जीवन सुखमय और सफल होता है.
दान करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है.

विवाह पंचमी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का पूजन करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. रामचरितमानस का पाठ करने से मन शांत होता है और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और माता सीता को सुहाग का सामान अर्पित करने से विवाह के योग बनते हैं. बता दें कि दान करते समय मन में किसी प्रकार का लोभ या दिखावा नहीं होना चाहिए और शुद्ध मन से दान करना चाहिए. विवाह पंचमी के दिन दान करने से न केवल आपका पुण्य बढ़ेगा बल्कि आपका वैवाहिक जीवन भी सुखमय हो जाता है.

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