वैगनर जैसे लड़ाकों का इस्तेमाल करेगा ड्रैगन? ताइवान के खिलाफ ऑपरेशन में होगी बड़ी भूमिका?

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बीजिंग: रूसी सेना के खिलाफ येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) की भाड़े के सैनिकों की कंपनी वैगनर ग्रुप (Wagner Group) की हालिया बगवत ने दुनिया भर में सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को सकते में डाल दिया. इस विद्रोह के पीछे प्रिगोझिन के मंसूबों पर अभी भी बहस चल रही है. इससे रूस, चीन और कई दूसरे देशों में निजी सैनिक कंपनियों के उपयोग पर नए सिरे से बहस चल रही है. रूस की तरह ही चीन भी दुनिया भर में अपने नागरिकों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा फर्मों का उपयोग कर रहा है.

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की ये रक्षा कंपनियां अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाजों पर समुद्री डकैती का मुकाबला करने, केन्या में रेलवे बुनियादी ढांचे और श्रीलंका में ईंधन डिपो की सुरक्षा करने जैसे कई कामों में लगी हैं. ये कंपनियां आमतौर पर हथियारबंद सुरक्षा, जोखिम के आकलन और ट्रेनिंग सहित कई तरह की सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराती हैं. चीन की बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था ने बीजिंग की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव ( Belt and Road initiative) के तहत चीनी इंडस्ट्री ने कई विकासशील देशों में बड़ी परियोजनाएं शुरू की हैं.

बंदरगाहों, रेलवे और बांधों सहित इन उद्योगों ने जोखिम से भरी विदेशी जगहों पर लाखों चीनी नागरिकों को रोजगार दिया है. इसको लेकर कुछ चिंताएं है कि चीन भविष्य में निजी सैन्य कंपनियों का अधिक उपयोग करना शुरू कर सकता है. 2017 में चीन ने एक कानून पास किया जो ‘अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना और मानवीय सहायता मिशनों’ में निजी सैन्य कंपनियों के उपयोग की अनुमति देता है. यह कानून चीन के लिए निजी सैन्य कंपनियों का अधिक मुखर तरीकों से उपयोग करने का रास्ता खोल सकता है. विवादित इलाकों में अपने हितों की रक्षा करना या हथियारबंद टकरावों में चीन इनको अपने सहयोगियों का समर्थन करने के लिए उपयोग कर सकता है.

जेम्सटाउन फाउंडेशन के एक वरिष्ठ फेलो सर्गेई सुखनकिन ने हाल ही में अमेरिका के अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि ‘चीन अपना असर बढ़ाने के लिए निजी सुरक्षा कंपनियों को एक मंच के रूप में इस्तेमाल कर सकता है.’ वहीं डिप्लोमैट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच सुपर पॉवर की होड़ बढ़ती जा रही है. ऐसे में चीन जहां सीधे सामने नहीं आ सकता, वहां अपनी जंग को आगे बढ़ाने के लिए निजी डिफेंस फर्मों के आक्रामक उपयोग का समर्थन कर सकता है. जिस तरह यूक्रेन के युद्ध में रूस ने वैगनर का इस्तेमाल किया, उससे भी चीन को प्रेरणा मिली है.

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