द्रोपदी मुर्मू होंगी NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, BJP ने खेला आदिवासी कार्ड

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नई दिल्ली: भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल हैं. वह ओडिशा की रहने वाली हैं और एक आदिवासी समुदाय से आती हैं।

अगर द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीत जाती हैं, तो वह देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बन जाएंगी। इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की। इससे पहले प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की एकमात्र महिला राष्ट्रपति रह चुकी हैं। उन्होंने 2007 से 2012 तक देश की राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। इससे पहले विपक्षी दलों ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए अपना सर्वसम्मत उम्मीदवार घोषित किया, जिसके लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद एनेक्सी में संयुक्त विपक्षी दलों की बैठक के तुरंत बाद मीडियाकर्मियों से कहा, “हमने (विपक्षी दलों) ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए हमारे आम उम्मीदवार होंगे।” बैठक को राकांपा के शीर्ष नेता शरद पवार ने बुलाया था और इसमें कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, भाकपा, माकपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस और राजद के नेताओं ने भाग लिया था।

उन्होंने कहा, “सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे और प्रतिष्ठित करियर में, सिन्हा ने विभिन्न क्षमताओं में देश की सेवा की है। एक सक्षम प्रशासक, कुशल सांसद और एक प्रशंसित केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री, वह भारत गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक चरित्र और इसके संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य हैं।

‘आदर्श रूप से, सरकार और विपक्ष से एक आम सहमति उम्मीदवार को गणतंत्र के सर्वोच्च पद के लिए चुना जाना चाहिए। हालांकि इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए थी। मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है।

गौरतलब है कि 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं। राजनीति में आने के पहले वह मुर्मू राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं।

वह उड़ीसा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था। उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी। ओडिशा विधान सभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था।

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