संगम तट पर समुद्र मंथन, कुंभ कलश की गाथा दिखाएंगे ड्रोन

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प्रयागराज : प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंहने कहा है कि आस्था के समागम प्रयागराज महाकुंभ में पर्यटन विभाग ड्रोन शो का आयोजन करने जा रहा है। 24 से 26 जनवरी तक इस शो का आयोजन होगा। त्रिवेणी संगम के आकाश में मेक इन इंडिया ड्रोन महाकुंभ की अध्यात्मिक कथा को नए और अनोखे रूप में प्रस्तुत करेंगे। समुद्र मंथन, कुंभ कलश की गाथा दिखाएंगे। उन्होंने बताया है कि 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस, 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस और 26 जनवरी को गणतंथ दिवस के अवसर पर ड्रोन-शो आओजित किए जाएंगे।

ड्रोन-शो के तहत समुद्र मंथन की कथा जिसमें 14 रत्न उत्पन्न हुए थे, के प्रसंग को भी दिखाया जाएगा। इसके अलावा भगवान शिव का शौर्य और कुम्भ कलश जिसकी दिव्य बूंदे गिरने से महाकुंभ की शुरुआत हुई थी, दिखाया जाएगा। इसके साथ ही ओम का पवित्र जाप भी होगा जो वातावरण में दिव्य शक्ति का संचार करेगा। इन तीन दिनों में 2500 ड्रोन विभिन्न धार्मिक व प्रासंगिक चित्र प्रस्तुत करेगे। शाम को होने वाला ड्रोन शो श्रद्धालु व पर्यटक निशुल्क देख सकेंगे।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि आस्था के समागम प्रयागराज महाकुंभ में पर्यटन विभाग ड्रोन शो का आयोजन करने जा रहा है। 24 से 26 जनवरी तक इस शो का आयोजन होगा। त्रिवेणी संगम के आकाश में मेक इन इंडिया ड्रोन महाकुंभ की अध्यात्मिक कथा को नए और अनोखे रूप में प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया है कि 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस, 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस और 26 जनवरी को गणतंथ दिवस के अवसर पर ड्रोन-शो आओजित किए जाएंगे।

ड्रोन-शो के तहत समुद्र मंथन की कथा जिसमें 14 रत्न उत्पन्न हुए थे, के प्रसंग को भी दिखाया जाएगा। इसके अलावा भगवान शिव का शौर्य और कुम्भ कलश जिसकी दिव्य बूंदे गिरने से महाकुंभ की शुरुआत हुई थी, दिखाया जाएगा। इसके साथ ही ओम का पवित्र जाप भी होगा जो वातावरण में दिव्य शक्ति का संचार करेगा। इन तीन दिनों में 2500 ड्रोन विभिन्न धार्मिक व प्रासंगिक चित्र प्रस्तुत करेगे। शाम को होने वाला ड्रोन शो श्रद्धालु व पर्यटक निशुल्क देख सकेंगे।

उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आईसीसीसी सभागार में हुई बैठक में रेलवे के अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि सुव्यवस्था बनाने में रेलवे की बड़ी भूमिका है। स्नान के बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य जाना चाहता है इसलिए मेला स्पेशल ट्रेनें पूरे दिन चलाई जानी चाहिए। रूटीन गाड़ियों और मेला स्पेशल ट्रेनों के लिए अलग-अलग रेलवे स्टेशन हों तो बेहतर होगा। रूटीन ट्रेनों को यथासंभव निरस्त अथवा डाइवर्ट करके चलाना उचित होगा। रेलवे को आगामी 25 जनवरी से 05 फरवरी तक के लिए पूरी सतर्कता के साथ विशेष प्रबंध करने होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि गाड़ियों के आवागमन के लिए एक बार घोषित प्लेटफार्म संख्या में बदलाव न हो। रेलवे अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मौनी अमावस्या पर 200 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलाये जाने की तैयारी है। परिवहन निगम शटल बसों की संख्या बढ़ाए।

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