चंबा: खबर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से है। यहां लूना क्षेत्र के पास चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे पर 30 मीटर लंबा लूणा पुल ढह गया। दरअसल, रविवार सुबह करीब साढ़े चार बेज हुए भूस्खलन के कारण पहाड़ी से चट्टानें पुल पर आ गिरीं, जिसके कारण पुल ढह गया। गनीमत रही कि जब चट्टानें गिरी तो उस समय पुल पर कोई राहगीर या वाहन नहीं था। इसके चलते किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। तो वहीं, पुल टूटने से जनजातीय क्षेत्र भरमौर की 29 पंचायतें अलग-थलग पड़ गईं हैं।
बताया जा रहा है कि जिस जगह ये पुल टूटा है, वहां से भरमौर उपमंडल की जनजातीय सीमा शुरू होती है। राष्ट्रीय राजमार्ग चंब कार्यकारी अभियंका संजीव ने समाचार एजेंसी एएनआई को जानकारी देते हुए बताया, लूना क्षेत्र के पास चंबा-भरमौर मार्ग पर सुबह करीब साढ़े चार बजे भूस्खलन के कारण एक पुल ढह गया। हम पुल को पुनर्स्थापित कर रहे हैं और पैदल पथ भी बना रहे हैं। हमने रावी नदी में पैदल मार्ग बनाया है।
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बताया कि पुल ढहने के काराण (NH-154A) चंबा से भरमौर तक पूरी तरह से कट गई हैं। इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुल ढहने की वजह से गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो चुकी है। इसके अलावा लोग अब पैदल आवाजाही भी नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, रावी नदी पर पैदल यात्रियों के लिए एक पैदल मार्ग की व्यवस्था की गई है। लेकिन इस पुल को दोबारा बनने में कई दिन लग सकते हैं।
बता दें, क्षतिग्रस्त हुआ पुल चंबा और भरमौर को पठानकोट से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 154-A पर बना था। रावी नदी के साथ चिरचिंड नाले पर बना यह पुल भारी भूस्खलन होने के चलते ढह गया। ऐसे में भरमौर और होली के लोगों को चंबा आने के लिए पैदल सफर करना पड़ेगा। तो वहीं, वर्ष 1971 में बना पुल टूटने से जनजातीय क्षेत्र भरमौर की 29 पंचायतें अलग-थलग पड़ गईं हैं।