देश में भीषण गर्मी का कहर, रेड अलर्ट पर दिल्ली, राजस्थान में भी हाल बेहाल

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नई दिल्ली: दिल्ली में फिलहाल भीषण गर्मी का कहर जारी है. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान 47 डिग्री और इससे ऊपर पहुंच रहा है. दिल्ली के नजफगढ़ का तापमान दूसरे दिन भी पूरे देश में सबसे ज्यादा रहा है. यहां का तापमान 47.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है. ऐसी चिलचिलाती गर्मी से फिलहाल दिल्ली के लोगों को राहत मिलने के आसार नहीं है. मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए अगले 4 दिनों तक रेड अलर्ट जारी किया है.

भीषण गर्मी की वजह से लोगों का घर से निकलना दूभर हो रहा है. वहीं मौसम विभाग ने भी जरूरी काम नहीं होने तक घर से नहीं निकलने की सलाह दी है. रात को 12 बजे तक लोगों को गर्म हवाओं का अहसास हो रहा है. मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल लोगों को इस चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों से राहत के आसार नहीं हैं. सोमवार को पूरे देश में कई जगहों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री तक ऊपर रहा है. वहीं हवा में भी नमी का स्तर 50 से 15 प्रतिशत बना हुआ है. अगले चार दिन तक फिलहाल मौसम में राहत के आसार नहीं है.

आरएमएल के मेडिसिन प्रोफेसर डॉक्टर अजय चौहान का कहना है कि हर कोई एक निश्चित तापमान में ही रह सकता है. इंसानों के लिए इसकी लिमिट 40-45 डिग्री तक ही है. इससे ज्यादा तापमान झेलना मानव शरीर के लिए मुश्किल हो जाता है. इस तापमान में बाहर निकलने पर लोगों को हीट स्ट्रोक हो सकता है. अगर किसी के साथ ऐसी स्थिति बनती है तो उसे तुरंत छांव में बिठाकर शरीर को ठंडा करने के इंतजाम करने चाहिए. अगर स्थिति गंभीर रही तो इंसानों की जान भी जा सकती है. ज्यादा तापमान में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ जाता है.

दिल्ली में इन दिनों बिजली की डिमांड में हद से ज्यादा बढ़ गई है. दिल्ली में सोमवार को बिजली की डिमांड अपने अधिकतम पर पहुंच गई. बिजली की डिमांड 7,572 मेगावाट तक पहुंच गई. मई के महीने में अब तक की यह सबसे ज्यादा मांग है. दिल्ली में बिजली सप्लाई में लगी दो कंपनियों बीएसईईएस और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड ने अपने क्षेत्रों में बिजली की इतनी ज्यादा मांग की सप्लाई का दावा कर रहीं हैं.

राजस्थान के बीकानेर में भी भीषण गर्मी की वजह से लोग परेशान हैं, लू के मरीजों की संख्या हॉस्पिटल में दिनों-दिन बढ़ रही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग मच्छरों के लार्वा से निपटने के पूरे प्रयास कर रहा है. डेंगू के मरीज बढ़ने के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इस ओर ज्यादा फोकस कर रहा है. हालांकि गनीमत है कि अभी तक मलेरिया के रोगी सामने नहीं आए हैं. मौसमी बुखार के चलते हॉस्पिटल में कई मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं. पीबीएम हॉस्पिटल में 16 नंबर आउटडोर में हर दिन सात सौ से एक हजार मरीज तक इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

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