काठमांडू : नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने बताया कि शनिवार की सुबह नेपाल में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस के अनुसार, भूकंप भारतीय मानक समय (आईएसटी) के अनुसार सुबह 3:59 बजे आया। भूकंप का केंद्र अक्षांश 29.17 एन और देशांतर 81.59 ई पर 10 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया। हालांकि अबकत के सूचना के अनुसार, भूकंप से अभी तक किसी भी तरह की जानमाल के नुकसान नहीं है। लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार कुछ घरों के दिवारों पर दरारें देखी गई हैं। USGS के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जुम्ला जिले में था।
आम बात हो गया है नेपाल में भूकंप का आना
नेपाल में भूकंप का आना आम बात है। 17 और 19 दिसंबर को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 19 दिसंबर को नेपाल के पार्शे से 16 किलोमीटर दूरी पर 4.2 और 17 दिसंबर को मेलबिसौनी से 23 किलोमीटर दूरी पर 4.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। वहीं, नवंबर 2023 में ही 6.4 तीव्रता के भूकंप में नेपाल में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस भूकंप में पश्चिमी नेपाल के जारकोट और रुकुम जिलों में भारी तबाही मची थी, जिसमें कमोबेश 150 लोग घायल भी हो गए थे। कई घरों में दरारें आ गई थीं और कई घर तबाह हो गए थे।
इससे पहले भी आ चुका है भूकंप
नेपाल में इससे पहले अप्रैल 2023 में 2 बार भूकंप आया था। एक अप्रैल 2023 को दोखला जिले के सूरी में मध्यम तीवर्ता का भूकंप दर्ज किया गया था। यहां के राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र के अनुसार, काठमांडू से 180 किलोमीटर पूर्व में दोलखा में सुबह 11.27 बजे (स्थानीय समयानुसार) 5.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। भूकंप के झटके ओखलधुंगा, रमेच्छप, सिंधुपाल चौक और नुवाकोट जिलों के साथ-साथ काठमांडू घाटी में भी महसूस किए गए थे। इसके बाद, 28 अप्रैल 2023 की रात भूकंप के दो बार झटके महसूस किए गए थे। इस बार भूकंप का केंद्र बाजुरा के दाहाकोट में रहा था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 और 5.9 नापी गई थी।
2015 में 7.8 की तीव्रता का विनाशकारी भूकंप
नेपाल के लोग अप्रैल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप को भूल नहीं सकते। आपको बता दें कि अप्रैल 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। इस दौरान लगभग 12000 लोग मारे गए थे और लगभग 22,000 लोग घायल हुए थे। इस विनाशकारी भूकंप ने 800,000 से अधिक घरों और स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचाया था।