नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्थायी सरकार से ही देश का आर्थिक विकास संभव है। भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र होगा जिसमें भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी। पीएम मोदी ने कहा कि हम भारतीयों के पास आज विकास की नींव रखने का शानदार मौका है, जिसे अगले हजारों वर्षों तक याद रखा जाएगा।
पीएम मोदी ने एक समाचार के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा, 2014 से पहले तीन दशकों तक देश में कई अस्थिर सरकारें बनीं, जो बहुत कुछ नहीं कर पाईं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जनता ने भाजपा (BJP) को निर्णायक जनादेश दिया, जिससे एक स्थिर सरकार, अनुकूल नीतियां और समग्र दिशा में स्पष्टता आई है। इसकी वजह से ही पिछले नौ साल में कई सुधार लागू किए जा सके। ये सरकार की राजनीतिक स्थिरता का स्वाभाविक परिणाम हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, वित्तीय क्षेत्र, बैंक, डिजिटलीकरण, कल्याण, समावेशन और सामाजिक क्षेत्र से संबंधित इन सुधारों ने एक मजबूत बुनियाद रखी, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि हुई। उन्होंने कहा, भारत (India) की विकास गाथा पर दुनिया (World) की नजर है। दुनिया का जीडीपी केंद्रित नजरिया, अब मानव केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है, जिसमें भारत उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी चर्चाओं में दृष्टिकोण में बदलाव की जबरदस्त वकालत की। उन्होंने विभिन्न देशों से उनके रवैये को प्रतिबंधात्मक के बजाय रचनात्मक बनाने की अपील करते हुए आग्रह किया कि वे यह न करो या वह न करो पर ध्यान केंद्रित न करें। उन्होंने कहा, मैं जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के भविष्य को लेकर बेहद सकारात्मक हूं। हम प्रतिबंधात्मक की जगह रचनात्मक रवैया अपनाने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। … हम एक ऐसा दृष्टिकोण लाना चाहते हैं, जो लोगों और राष्ट्रों को जागरूक करे। यह बताया जाए कि राष्ट्र क्या कर सकते हैं और इस दिशा में उन्हें वित्त, प्रौद्योगिकी व अन्य संसाधनों की मदद उपलब्ध कराई जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा, हम निर्धारित तिथि से 9 वर्ष पूर्व ही अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने वाले संभवत: पहले जी20 देश हैं। एकल-उपयोग प्लास्टिक (सिंगल यूज़ प्लास्टिक) के खिलाफ भारत की कार्रवाई को दुनियाभर में मान्यता मिली है। इससे साफ-सफाई एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने की दिशा में काफी प्रगति भी हुई है। भारत अब वैश्विक पहलों में सिर्फ भागीदार बनने से आगे निकलते हुए अग्रणी भूमिका निभाने की ओर बढ़ गया है। भारत जलवायु-केंद्रित पहलों पर काफी प्रगति कर रहा है। उसने कुछ ही वर्षों में अपनी सौर ऊर्जा क्षमता 20 गुना बढ़ा दी है। पवन ऊर्जा के मामले में हम दुनिया के शीर्ष चार देशों में शामिल हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने व नवाचार दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।