नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (Ed) ने अदालत में दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा है कि आबकारी नीति घोटाले से जमा की गई अवैध राशि का इस्तेमाल पिछले साल गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार में किया गया था। अदालत ने मामले में संज्ञान लेते हुए अगली सुनवाई के लिए 23 फरवरी की तारीख तय की है।
हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की इस चार्जशीट को मनगढ़ंत बताया है। केजरीवाल ने कहा कि ईडी द्वारा बनाए गए सभी केस झूठे हैं और ‘आप’ को फंसाने की नीयत से ही केंद्रीय एजेंसी ने चार्जशीट बनाई है। उन्होंने कहा कि ईडी के मामले सिर्फ सरकारें गिराने और बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ईडी की चार्जशीट पूरी तरह से झूठी है।
ईडी के आरोपपत्र के मुताबिक ‘आप’ ने सर्वे वॉलंटियर्स को 70 लाख रुपये नकद दिया था। आरोपी विजय नायर ने कुछ लोगों को कैश भुगतान के लिए कहा था। वहीं आरोपपत्र में यह भी कहा गया है कि ‘आप’ कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर के अलावा इसमें अन्य लोग भी शामिल थे।
इतना ही नहीं, विजय नायर ने पार्टी के लिए वाईएसआरसीपी सांसद मगुन्टा श्रीनिवासुलु , उनके बेटे राघव मगुन्टा, अरविंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी, तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी कविता कवलकुंतला के एक समूह से 100 करोड़ की रिश्वत प्राप्त की थी।
एजेंसी ने यह सभी तथ्य आरोपी विजय नायर की जमानत याचिका पर बहस के दौरान रखे। कोर्ट ने नायर की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल पर भी आरोप लगाए गए हैं।
इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम भी सामने आया था। हालांकि, ईडी ने मामले में आरोपी के रूप में सिसोदिया का नाम नहीं लिया और न्यायाधीश को बताया कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है।
ये आरोपी : विजय नायर , समीर महेंद्रू, अमित अरोड़ा , बेनॉय बाबू , पी सरथ चंद्र रेड्डी व अभिषेक बोइनपल्ली। दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में अनियमितताओं के आरोपों के बाद अब इसे रद्द किया जा चुका है।
दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली सरकार और उसके मंत्री ईडी की चार्जशीट से ध्यान भटकाने के लिए उपराज्यपाल पर आरोप लगा रहे हैं। जैसे ही ईडी ने गोवा चुनाव मे आम आदमी पार्टी के द्वारा शराब घोटाले के पैसे के उपयोग पर चार्जशीट दायर की तो दिल्ली सरकार के नेताओं ने जनता का ध्यान भटकाने के लिए नया विवाद छेड़ दिया।
सचदेवा ने कहा, दुखद है कि खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल पर लगातार गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी करके संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं, ताकि ईडी द्वारा दायर चार्जशीट से ध्यान भटका सकें। 2013 में जब आम आदमी पार्टी ने पहला चुनाव लड़ा था तब भी उन्हें मालूम था कि दिल्ली एक केन्द्र शासित प्रदेश है, प्रशासनिक व्यवस्थाओं में उपराज्यपाल का अधिपत्य है। शुरू से ही उनका उपराज्यपाल से टकराव रहा है और ऐसे ही मुद्दों को लेकर उनकी सरकार ने कई बार विभिन्न न्यायालयों में भी दस्तक दे चुकी है।