मदरसों में हो रही पढ़ाई की होगी जांच, CM शिवराज ने कहा- हर शैक्षणिक संस्थान पर रखें नजर

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भोपाल: दमोह में गंगा जमुना स्कूल विवाद के बाद सरकार अब अलर्ट मोड पर है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थाओं की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने प्रदेश के मदरसों में भी दी जाने वाली शिक्षा की जांच करने को कहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा है कि जहां गलत तरीके से शिक्षा दी जाएगी उन पर कार्रवाई होगी. इधर, दमोह हिजाब विवाद की शुरुआती जांच रिपोर्ट सरकार को मिल गई है. इस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं.

गौरतलब है कि शुरुआती जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जिन बच्चियों के स्कार्फ और हिजाब के फोटो वायरल हुए थे, उन पर आोरपियों ने बयान बदलने के लिए दबाव डाला. इस रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस मामले में आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की जाए. जांच रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि जिन बच्चों को समझ नहीं है, उन्हें पढ़ाई के नाम पर बुलाकर गलत तरीके से शिक्षा दी जा रही है. इस तरह की हरकत को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

दूसरी ओर, दमोह मामले को लेकर अब प्रदेश में सियासी पारा भी चढ़ गया है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सवाल पूछा है कि धर्मांतरण को लेकर बयान देना सिर्फ सरकार के एक डायलॉग का हिस्सा है. बीते 18 सालों से बीजेपी सत्ता में है और धर्मांतरण को लेकर सिर्फ डायलॉगबाजी हो रही है. बहरहाल, दमोह मामले को लेकर अब सरकार पूरे प्रदेश के शिक्षण संस्थानों से जांच रिपोर्ट मंगा रही है. ताकि, यह पता चल सके कि शिक्षण संस्थानों में होने वाली प्रार्थना सभाओं का स्तर क्या है और स्कूलों में किस तरीके का ड्रेस कोड अपनाया जा रहा है, क्या स्कूलों को धर्मांतरण की पाठशाला बनाने की कोशिश की जा रही है.

गंगा जमुना स्कूल पर पुलिस प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है. सूब के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को भोपाल में कहा कि स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है. टेरर फंडिंग जैसी शिकायतों पर अगर राष्ट्रीय जांच एजेंसी संज्ञान लेकर जांच करेगी तो मध्य प्रदेश पुलिस पूरा सहयोग करेगी. गंगा जमुना स्कूल मामले पर बयान देते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सामान्य तौर पर ऐसा होता है कि जो टेरर फंडिंग के मामले होते है उसकी जांच राष्ट्रीय एजेंसियां करती हैं. गंगा जमुना स्कूल में इस तरह की गतिविधियों के लिए किसी राष्ट्रीय एजेंसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है. अगर कोई संपर्क करेगा तो एमपी की पुलिस सहयोग करेगी.

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