झूठे आरोपों को अब बर्दाश्त नहीं करेगा चुनाव आयोग, महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी
मुंबई: महाराष्ट्र में जब से महाविकास अघाड़ी ने करारी हार देखी है, तब से विपक्षी नेता इन नतीजों के लिए चुनाव आयोग और ईवीएम मशीन में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे है। अब तक चुनाव आयोग ने इस पर कुछ नहीं कहा था। लेकिन अब आगे चुनाव आयोग इस तरह के आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेगा। महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी एस चोकलिंगम ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के बारे में झूठे दावे या आक्षेप फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। महाविकास अघाड़ी नेताओं द्वारा हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बीच उनका यह बयान आया है।
सख्ती से निपटा जाएगा
चोकलिंगम ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि इन मामलों को सनसनीखेज बनाने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा क्योंकि अधिकारी इस मुद्दे की जांच तेज कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने कथित तौर पर विदेश में रहने वाले सैयद शुजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और मामले को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है।
दिल्ली और मुंबई पुलिस सक्रिय रूप से जांच कर रही है और भारत में ऐसे किसी भी व्यक्ति की पहचान करने और उसे पकड़ने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है जो ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में है या इन दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में शामिल है। अधिकारी ने जोर देकर कहा कि इस तरह की हरकतें गंभीर अपराध हैं और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
जयंत पाटिल ने जताई थी चिंता
इससे पहले, महाराष्ट्र एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख जयंत पाटिल ने हाल के विधानसभा चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर चिंता जताई थी और शाम 5 बजे के बाद मतदान में वृद्धि पर सवाल उठाया था। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए मतपत्रों की वापसी की मांग की।
“भले ही हमारी संख्या कम हो, लेकिन हम सवाल उठाते रहेंगे। हाल के चुनावों में महाराष्ट्र में शाम 5 बजे के बाद मतदान में वृद्धि हुई। यह चिंता का विषय है। हालांकि ईवीएम एक सरल कैलकुलेटर है, लेकिन यह रात में स्वचालित रूप से वोटों की संख्या बढ़ा देता है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे संबोधित किया जाना चाहिए। पाटिल ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत का चुनाव आयोग कुछ छिपा रहा है।”
मतपत्रों के इस्तेमाल पर दिया था जोर
मतपत्रों की वापसी की मांग करते हुए उन्होंने कहा, “ईवीएम की जगह मतपत्रों को लाया जाना चाहिए क्योंकि वे लोगों का सिस्टम में विश्वास भी बहाल करेंगे। अगर लोगों को सिस्टम पर भरोसा नहीं होगा तो मतदान प्रतिशत में गिरावट आएगी।”
बता दें, कि हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को करारा झटका लगा है। कांग्रेस को 288 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 16 सीटें मिली हैं। इसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीटें मिली हैं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ 10 सीटें मिली हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन 132 सीटों के साथ विजयी हुआ है, जबकि इसके सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को क्रमश: 57 और 41 सीटें मिली हैं।