देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की तीनों नगर निगमों (Delhi Municipal Corporation) का चुनाव इस साल अप्रैल में कराए जा सकते हैं. ऐसे में निगम चुनाव के लिए मतदान अप्रैल के दूसरे या तीसरे रविवार को कराए जा सकते हैं. माना जा रहा है कि अप्रैल में निगम के चुनाव हो सकते हैं.
इसे देखते हुए राज्य चुनाव आयोग भी तैयारियों में जुट गया है और प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भी अभी से सक्रिय हो गई हैं. वहीं, नगर निगमों में नए सदन के गठन का काम अप्रैल के चौथे हफ्ते तक पूरा हो जाए. मगर इस बार निगम चुनावों में सीटों का गणित बदलने वाला है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां इस बदलाव के आधार पर ही अपने नफे-नुकसान का आकलन करते हुए आगे की रणनीति बना रही हैं.
दरअसल, दिल्ली निगम चुनाव (Delhi Corporation Election) में मतदान के फीसद का बढ़ाने के लिए राज्य आयोग चुनाव को रविवार को कराने पर विचार कर रहा है. लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. हालांकि चुनाव आयोग ने अनौपचारिक तौर पर सरकार को स्कूल बिल्डिंग को अप्रैल के दूसरे और तीसरे रविवार को रिजर्व रखने को कह दिया है. फिलहाल स्कूलों में ही मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. वहीं, इस बार रामनवमी 10 अप्रैल को है. उस दिन रविवार भी पड़ रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि निगम के चुनाव तीसरे रविवार 17 अप्रैल को कराए जा सकते हैं.
ऐसे मे दिल्ली चुनाव आयोग के चुनाव आयुक्त भी 20 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं. उनकी जगह पर आने वाले आयुक्त 21 अप्रैल को कामकाज संभालेंगे. वहीं, संभावना है कि चुनाव आयुक्त चुनाव की प्रक्रिया अपने कार्यकाल में ही पूरा करने की कोशिश करें.
गौरतलब है कि MCD एक्ट की रोटेशन पॉलिसी के तहत दिल्ली में इस बार निगम चुनावों से पहले आरक्षित सीटों का स्वरूप बदलने वाला है. ऐसे में जो सीटें पहले महिलाओं के लिए आरक्षित थीं, वो अब या तो किसी और वर्ग के लिए आरक्षित हो जाएंगी या सामान्य सीट के रूप में तब्दील हो जाएगी. हालांकि इसी तरह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों का स्वरूप भी बदलेगा. वहीं, पिछली बार के निकाय चुनावों में जो सीटें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए रिजर्व थीं, वो इस बार पुरुषों के खाते में चली जाएंगी और पुरुषों की सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. ऐसे में सामान्य वर्ग की सीटों में भी कुछ बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है.