यूपी में गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिये जाने पर जोर
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 12 नवीन पेयजल परियोजनाओं का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण: कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, राजनैतिक पेंशन तथा नागरिक सुरक्षा विभाग, कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा आज योजना भवन के सभाकक्ष में अपने विभागों की उपलब्धियों एवं आगामी योजनाओं के संबंध में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए धर्मपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निराश्रित गोवंश का संरक्षण, छुट्टा पशुओं से होने वाली समस्याओं का समाधान करते हुए गोआधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर इसके उत्पादों को लोकप्रिय बनाकर किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 का देश में दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान है और दुग्ध उत्पादन को और बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। इसके साथ ही मदरसों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जा रहा है और मदरसों की शिक्षा में आधुनिकीकरण का समावेश किया जा रहा है। अल्पसंख्यक वर्गों के लिए बनाये गये कार्यक्रमों को तेजी से क्रियान्वित करके उनका शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।
धर्मपाल सिंह ने बताया कि गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 6222 विभिन्न गोआश्रय स्थलों में 8.55 लाख गोवंश को संरक्षित करने के साथ-साथ 1.38 लाख गोवंश को सुपुर्दगी में प्रतिमाह भरण-पोषण धनराशि रू0 900/- प्रति गोवंश के साथ दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों पर किसी प्रकार की लापरवाही न हो और गोसंरक्षण कार्य पूरी संवेदनशीलता के साथ किया जाये, इसके लिए प्रत्येक गोआश्रय स्थल का स्थलीय सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। स्थलीय सत्यापन की रिपोर्ट प्राप्त होते ही उसे विभाग स्तर पर विकसित किये जा रहे “गो-संरक्षण पोर्टल” में फीड कराया जायेगा तदोपरांत ऑनलाइन सूचना प्राप्त की जाएगी। पोर्टल का प्रयोग सुगम बनाने हेतु एण्ड्राइड मोबाईल एप भी विकसित किया जा रहा है। पोर्टल का अवलोकन विभागों, शासन के साथ-साथ जनमानस हेतु भी उपलब्ध होगा।
पशुधन मंत्री ने कहा कि गोवंश को उपयोगी बनाये जाने के लिए गोबर, गोमूत्र के सार्थक/जनउपयोगी उत्पाद बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक विकास खण्ड में 2000 से 3000 गोवंश धारण क्षमता के “विकास खण्ड स्तरीय बृहद गो-संरक्षण केन्द्रों” की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रारंभ की गयी है। इन गोआश्रय स्थलों पर सी0बी0जी0/सी0एन0जी0 प्लान्ट की स्थापना पी0पी0पी0 मोड में कराया जायेगा। विभाग द्वारा जारी भरण-पोषण धनराशि के सापेक्ष गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित भूसा 2.80 लाख टन एव कल्याण संस्थाओं एवं अन्य दानदाताओं से प्राप्त भूसा 46 हजार टन है। कुल 3.26 लाख टन भूसा संरक्षित है। प्रदेश में चारे एवं भूसे की उपलब्धता बनी रहे इस हेतु जनपदों में कुल 3574 भूसा बैंक भी स्थापित किये जा चुके हैं।
पशुधन मंत्री ने बताया कि उन्नत पशु प्रजनन की सुविधा पशुपालकों के द्वार पर उपलब्ध कराई जा रही है। लगभग 90 प्रतिशत मादा संतति की प्राप्ति हेतु वर्गीकृत वीर्य का उत्पादन भी विभागीय केन्द्र बबुगढ़, हापुड़ में किया जा रहा है एवं समस्त जनपदों उपलब्ध है। निबलेट, बाराबंकी स्थित प्रयोगशाला में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीकी से भ्रूण का विकास कर डोनर मादाओं में भू्रण का प्रत्यारोपण कर उन्नत प्रजाति की संतति प्राप्त की जा रही है एवं इसका विस्तार क्षेत्र में भी किया जायेगा। प्रदेश को खुरपका-मुंहपका से मुक्त करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 2 चरणों में 1040.72 लाख टीकाकरण पशुपालकों के द्वार पर किया जाना लक्षित है। गाय/भैसों में गर्भपात की समस्या के निराकरण हेतु 4 से 8 माह की मादा संतति को ब्रुसेलोसिस का टीकाकरण भी लगाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे अनुसूचित जाति के परिवारों के पोषण स्तर में सुधार लाने के उददेश्य से रूरल बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना संचालित की जा रही है। योजनान्तर्गत कुल 15000 को लाभान्वित किया जाना लक्षित है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर/मेला 2463 विकास खण्ड एवं 18 मण्डल स्तरीय मेलों का आयोजन किया जाना लक्षित है। सरकार द्वारा पशुपालकों के द्वार पर आकस्मिक सेवा तथा निर्धारित रूट पर पड़ने वाले ग्रामों में पहुँच कर पशुपालन की विभिन्न सेवायें उपलब्ध करने के उद्देश्य से भारत सरकार के सहयोग से 520 मोबाइल वेटेरिनरी वाहन विभाग को प्राप्त है। जल्दी ही इनका संचालन सुनिश्चित कराया जायेगा। मंत्री जी द्वारा दुग्ध विकास विभाग की उपलब्धियों के संबंध में अवगत कराया गया कि दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण करने की योजना में समिति गठन-200 एवं समिति पुनर्गठन-300 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 125 समिति गठन एवं 150 समितियो के पुनर्गठन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। आगामी तीन माह के समक्ष 75 समिति का गठन एवं 150 पुनर्गठन किया जाना है।
अयोध्या जनपद मे नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट का निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए संचालन प्रारम्भ किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस डेयरी प्लान्ट का निर्माण कार्य पूर्ण होकर ट्रायल प्रक्रियाधीन है एवं माह जुलाई, 2022 में प्लान्ट का लोकार्पण मा0 मुख्यमंत्री जी के करकमलो से कराया जाना प्रस्तावित है। डेयरी प्लान्ट की प्रसंस्करण क्षमता 0.50 लाख लीटर प्रतिदिन है तथा परियोजना लॉगत 69.60 करोड है। उक्त प्लाण्ट में तरल दुग्ध, यू0एच0टी0 दुग्ध, बटर एवं घी का उत्पादन किया जायेगा। जनपद गोरखपुर एवं कानपुर मे नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट की स्थापना, की जा रही है। शासन द्वारा जनपद वाराणसी में 20 मी0टन क्षमता के पाउडर प्लान्ट का निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु रू0 22.84 करोड़ की धनराशि वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्ययक मे प्राविधानित की गयी है। उक्त के अतिरिक्त जनपद मेरठ में निर्माणाधीन नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने हेतु रू0 56.98 करोड़ की धनराशि का प्राविधान वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्ययक में किया गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की योजनाओं के बारे में मंत्री जी ने बताया कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 12 नवीन पेयजल परियोजनाओं का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कराया गया जिनकी कुल लागत रू0 32.87 करोड़ तथा 15 नवीन परियोजनाओं शिलान्यास शीघ्र कराया जायेगा जिनकी कुल लागत 65.52 करोड़ है। मदरसों में आधुनिक शिक्षा बढ़ावा देने दृष्टिगत ई-लर्निंग ऐप तैयार किया गया है जिसके लान्च हेतु समस्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। प्रदेश विभिन्न जनपदों में स्थित 24 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं आधारभूत संरचना के विकास धनराशि रू0 5.42 करोड़ अंतरित की जा चुकी है। हज-2022 में लखनऊ इम्बारकेशन से 4256 व दिल्ली इम्बारकेशन 3196 इस प्रकार उ0प्र0 के कुल 7452 हज यात्री भेजे गये। वर्ष 2017 से प्रतिवर्ष हज यात्रियों के सुविधा के लिए सरकारी खर्च हज (खादिमुल हुज्जाज) भेजे जा रहे हैं। इसी क्रम हज-2022 हेतु 50 हज सेवकों को भेजा गया।
राजनैतिक पेंशन विभाग के संबंध में मंत्री जी ने बताया कि राजनैतिक पेंशन विभाग में मुख्यतया स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों को पेंशन तथा लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को सम्मान राशि व अन्य सुविधायें प्रदान किये जाने संबंधी कार्य किया जा रहा है। उ0प्र0 में सम्प्रति 39 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं 1051 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित (कुल 1090) हैं। उ0प्र0 में सम्प्रति 4992 लोकतंत्र सेनानी एवं 915 लोकतंत्र सेनानी आश्रित (कुल 5907) है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों को पंेशन तथा लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को सम्मान राशि व अन्य सुविधायें समयबद्ध रूप से उपलब्ध करायी जा रही है। भारत सरकार द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन की स्मृति में 09 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आवास पर आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में प्रतिभाग किये जाने हेतु स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नामित किया गया है।
नागरिक सुरक्षा विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए मंत्री जी ने कहा कि नवसृजित 09 नागरिक सुरक्षा जनपदों का मास्टर प्लान तैयार किये जाने की कार्यवाही वर्तमान प्रचलन में है। केन्द्रीय नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ को उत्तर एवं पूर्व भारत का क्षेत्रीय केंद्र बनाये जाने के संबंध में कार्यवाही शासन स्तर पर विचाराधीन है। नागरिक सुरक्षा जनपदों में लक्ष्य के सापेक्ष नागरिक सुरक्षा सेवाओं में स्वयंसेवकों की रिक्तियों के 25 प्रतिशत पूर्ति हेतु 951 स्वयंसेवकों की भर्ती की गई तथा 1621 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया। लखनऊ जनपद में 28 अप्रैल, 2022 एवं गोरखपुर जनपद में 29 अप्रैल, 2022 को ब्लैक आउट एवं हवाई हमले से बचाव का काल्पनिक प्रदर्शन किया गया। बरेली जनपद में गत 30 अप्रैल, 2022 को आई0वी0आर0आई0 कैम्पस तथा सामने वाली रोड (डेलापीर) मोड़ से इज्जतनगर ओवर ब्रिज तक क्षेत्र में ब्लैक आउट का वृहद आयोजन किया गया, जिसमें काल्पनिक हवाई हमले से उत्पन्न भयावह स्थिति से निपटने हेतु प्रशिक्षित नागरिक सुरक्षा वार्डेनों द्वारा पेट्रोल की आग, फायरमैन लिफ्ट, ठोस पदार्थ की आग, बी0ए0 सेट, झोपड़ की आग, फायर इंट्री सूट, थ्री हैण्ड शीट, स्टेªचर ड्रिल व ब्लैंकेट रेस्क्यू का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही हैं। जिसका लाभ उठाकर अल्पसंख्यक समाज अपने को विकास के मुख्यधारा में शामिल हो, इसके अतिरिक्त इस वर्ग के सर्वागीण विकास के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संवेदनशील और गम्भीर है। प्रेस वार्ता में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, डा0 रजनीश दुबे, कुणाल सिल्कू, प्रबन्ध निदेशक, पी0सी0डी0एफ0, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक इन्दुमति, डा0 इन्द्रमनि, निदेशक, पशासन एवं विकास, डा0 जीवन दत्त, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग एवं डा0 अरविन्द कुमार सिंह, प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद एवं अन्य शासन के वरिष्ठ तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।