सुकमा : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ आज भी जारी है। पुलिस अधिकारियों ने आज यानी शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि यह मुठभेड़ सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र में हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार केरलापाल थाना क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर बीते शुक्रवार को सुकमा जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। बताया कि गया कि आज सुबह से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रूक-रूक कर मुठभेड़ हो रही है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षाबलों का खोजी अभियान भी जारी है।
जानकारी दें कि, बीते 26 मार्च बुधवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में छह महिलाओं समेत नौ नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जिनमें आठ लाख रुपये का इनामी नक्सली बंडू भी शामिल था। वहीं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से सात के सिर पर पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम था। इस बाबत पुलिस ने बताया था कि जिले में नौ नक्सलियों बंडू उर्फ बंडी मड़काम (22), मासे उर्फ वेट्टी कन्नी (45), पदाम सम्मी (32), माड़वी हुंगा उर्फ कुव्वेर हुंगा (39), पुनेम मगंडी (36), कड़ती विज्जे उर्फ जयो (27), मड़कम शांति (22), मुचाकी मासे (32) और कड़ती हिड़िया (20) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
जानकारी दें कि, नक्सली बंडू उर्फ बंडी मड़काम पीएलजीए बटालियन नंबर एक का सदस्य है तथा उसके सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम है। नक्सली मासे और पदाम सम्मी के सिर पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है। वहीं नक्सली माड़वी हुंगा, पुनेम मगंडी, कड़ती विज्जे और मड़कम शांति के सिर पर दो-दो लाख रुपये का इनाम है। बता दें कि, नक्सली बंडू कथित तौर पर विभिन्न नक्सली हमलों में शामिल था, जिसमें 2020 में सुकमा जिले के मिनपा में सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किया गया हमला भी शामिल है। इस हमले में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। वहीं अन्य नक्सली पुलिस दल पर हमला करने समेत कई नक्सली घटनाओं में शामिल थे।
अधिकारियों ने बताया था कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ शासन की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’ से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है। वहीं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’ के तहत 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। उन्हें पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी।