नई दिल्ली : विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस वर्ष भी राजस्थान भर में विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन विभाग विभिन्न आयोजन करेगा। जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, भारत पर्यटन कार्यालय, इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, जयपुर और गाइड एसोसियेशन के संयुक्त तत्वाधान में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर जयपुर समेत प्रदेश भर के सभी स्मारकों और संग्रहालयों में पर्यटकों को निःशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। स्मारकों पर पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों का स्वागत सत्कार मालाओं और तिलक लगाकर किया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन कर राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू करवाया जाएगा, ताकि प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
शेखावत ने बताया कि पर्यटन विभाग और पर्यटक स्वागत केंद्र, जयपुर की ओर से जयपुर भ्रमण करने आने वाले देशी-विदेशी पावणों-टूरिस्ट्स का प्रमुख स्मारक आमेर महल, हवामहल, जंतर-मंतर और अल्बर्ट हॉल पर माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा। पर्यटकों को राजस्थानी लोक संस्कृति से रूबरू कराने के लिए इन स्मारकों पर लोक कलाकारों द्वारा कच्ची घोड़ी नृत्य, कालबेलिया नृत्य, बहरुपिया स्वांग, शहनाई वादन सहित मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
शेखावत ने बताया कि परकोटे में दो रूट पर हेरीटेज वॉक का आयोजन किया जाएगा। हेरिटेज वॉक में पर्यटकों के साथ साथ आईएचएम जयपुर के स्टूडेंट्स को भी टूर विजिट करवाया जाएगा। जो कि राजस्थान की वास्तुकला, वॉक वे में किए गए संरक्षण और सौंदर्यकरण के कार्यों से रूबरू हो सकेंगे। साथ ही इस क्षेत्र में स्थित शिल्पी-कारीगरों के पारम्परिक कार्यों को नजदीक से देख कर इनके बारे में जान सकेंगे। उन्होंने बताया कि आमेर में आई.एच.एम के छात्रों के लिए नेचर ट्रैक और होटल खासा कोठी से आमेर महल तक साइकिल टूर का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में सभी वॉलंटियर्स को पर्यटन विभाग द्वारा सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
बताते चलें, विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन पर्यटन को बढ़ावा देने और जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन 1980 से मनाया जा रहा है। विश्व पर्यटन दिवस की तारीख 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) के कानूनों को अपनाने की वर्षगांठ है।