नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) से अपनी सभी रिडेम्प्शन आय को शेयर बाजार में वापस निवेश करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा भी शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि EPFO के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय, केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने मार्च के अंतिम सप्ताह में अपनी बैठक में इसकी अनुमति दी थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक EPFO ने ऐसे उपाय सुझाए हैं जो बाजार की अस्थिरता के बावजूद इक्विटी रिटर्न को ज्यादा करने में मदद कर सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव में ईटीएफ रिटर्न को अब 4 साल के मुकाबले सेंसेक्स के औसत 5 साल के रिटर्न पर गणना करना भी शामिल है। इस पर वित्त और श्रम मंत्रालय की मंजूरी के बाद EPFO आगे की प्रक्रिया बढ़ाएगा।
बता दें कि PF खाताधारक के अकाउंट में जमा रकम को EPFO अलग-अलग तरीके से निवेश करता है। इस निवेश के जरिए होने वाली कमाई का एक हिस्सा ब्याज के तौर पर PF खाताधारकों को दिया जाता है। EPFO की ओर से सब्सक्राइबर्स को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए PF अकाउंट में जमा राशि पर 8.15% ब्याज दिया जा रहा है। 15% तक निवेश की इजाजत: वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, EPFO अपनी आय का 5% से 15% के बीच इक्विटी और संबंधित फंड्स आदि में निवेश कर सकता है, हालांकि, EPFO ईटीएफ निवेश दिशानिर्देशों में बदलाव की मांग भी कर रहा है।
ईटीएफ में कितना निवेश: हाल ही में सरकार ने सदन को बताया कि EPFO ने चालू वित्तवर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में 13,017 करोड़ रुपये का निवेश किया है। EPFO ने वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान ईटीएफ में 53081 करोड़ रुपये, वित्तवर्ष 2021-22 में 43,568 करोड़ रुपये और वित्तवर्ष 2020-21 में 32,071 करोड़ रुपये का निवेश किया। ईपीएफओ ने वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान ईटीएफ में 31,501 करोड़ रुपये और वित्तवर्ष 2018-19 में 27,974 करोड़ रुपये का निवेश किया।