लाठीचार्ज और वॉटर कैनन के बाद भी परीक्षा रद्द करने की मांग, प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार को दी 48 घंटे का अल्टीमेटम

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पटना : जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने सोमवार (30 दिसंबर) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार को 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई), 2024 को लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों का समाधान खोजने के लिए 48 घंटे की समयसीमा दी। जन सुराज प्रमुख ने छात्रों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की कसम खाई। प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने सरकार को 48 घंटे देने का फैसला किया है। मैं उन सभी नेताओं से अनुरोध करूंगा जो विरोध का नेतृत्व करना चाहते हैं कि वे आगे आएं और छात्रों के साथ खड़े हों। मैं छात्रों के साथ खड़ा था, और जब तक मैं वहां था, तब तक कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। जो भी अधिकारी लाठीचार्ज में शामिल होगा, हम उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

सरकार को 48 घंटे का मिला है अल्टीमेटम
प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्य सचिव को उनसे मिलने के लिए समय निकालने के लिए धन्यवाद दिया। किशोर ने कहा कि हमने बिहार के मुख्य सचिव से मुलाकात की, हम उन्हें समय निकालने और हमसे और छात्रों से मिलने के लिए धन्यवाद देते हैं, लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया। शायद उन्हें विचार करने की जरूरत है। या शायद उन्हें सीएम से मंजूरी चाहिए। हमने अपनी बात रखी है। हमने सरकार को 48 घंटे, 2 दिन का समय देने का फैसला किया है। आज सीएम पटना में नहीं हैं। वे आज रात वापस आ जाएंगे। अगर सरकार चाहे तो 48 घंटे के भीतर कोई समाधान निकाल सकती है। अगर सीएम हमें आमंत्रित करते हैं, तो हम और ये सभी छात्र उनसे मिलेंगे। लेकिन अगर 48 घंटे के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होती है। तो छात्र विरोध के संबंध में जो भी निर्णय लेंगे, वह मान्य होगा।

छात्र परीक्षा रद्द करने की कर रहे मांग
पटना में प्रदर्शनकारी छात्र परीक्षा के दौरान अनियमितताओं को लेकर 13 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित एकीकृत संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (CCE) 2024 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। रविवार को बिहार पुलिस ने गांधी मैदान में प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें कीं। घटना के बाद बिहार पुलिस ने गांधी मैदान में अनाधिकृत रूप से एकत्र होने, लोगों को भड़काने और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने के आरोप में जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर समेत 600-700 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

पटना प्रशासन ने क्या कहा?
पटना प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि जन सुराज पार्टी को गांधी प्रतिमा के सामने छात्र संसद आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, गांधी प्रतिमा पर भीड़ जमा हो गई और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा कर दी। भीड़ और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। भीड़ ने प्रशासन द्वारा लगाए गए लाउडस्पीकर तोड़ दिए। बार-बार अनुरोध के बावजूद, इन लोगों ने प्रशासन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया। इसलिए, प्रशासन ने पानी की बौछारों और बल का उपयोग करके उन्हें हटा दिया।

पटना प्रशासन ने कहा, “अनधिकृत रूप से भीड़ इकट्ठा करने, लोगों को भड़काने और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने के आरोप में जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर सहित 600-700 लोगों के खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।”

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