‘मर भी जाऊं तो जारी रहे अनशन’ नाजुक हालत के बीच डल्लेवाल ने भेजा संदेश, डॉक्टर बोले- कुछ भी हो सकता है
नई दिल्ली: भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस बीच खबर है कि उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा है कि उनकी मौत की स्थिति में भी प्रदर्शन बंद नहीं होना चाहिए। डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी हालत पर चिंता जताई है। इससे पहले पंजाब के किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर ‘अनहोनी’ हुई तो केंद्र स्थिति को संभाल नहीं पाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डल्लेवाल ने काका सिंह कोटड़ा को बंद करने का संदेश भेजा है। किसान नेता ने कहा कि उनके शव को धरना स्थल पर रखा जाए और कोई दूसरा नेता बिना भोजन के भूख हड़ताल पर बैठे। कोटड़ा का कहना है कि दल्लेवाल ने किसी से मिलने से इनकार कर दिया है और उनसे और दूसरे नेताओं से सरकार से बात करने को कहा है।
डॉक्टरों की टीम कर रही निगरानी
रिपोर्ट के मुताबिक कोटड़ा ने कहा, ‘जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति से मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही उनकी हालत बिगड़ गई है।’ खास बात यह है कि वह 44 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। 5 डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी हालत पर नजर रख रही है।
लगातार कम हो रहा ब्लड प्रेशर
डॉ. गुरसिमरन बुट्टर ने कहा, ’26 नवंबर से केवल पानी पी रहे डल्लेवाल ने अपनी कैंसर की दवा लेना भी बंद कर दिया है।’ डॉ. कुलदीप कौर धालीवाल ने कहा है कि सोडियम का स्तर कम हो गया है और रक्तचाप लगातार कम हो रहा है। डॉक्टर ने कहा कि उनका रक्तचाप कम हो गया और बिस्तर पर लेटे-लेटे ही उन्हें उल्टी होने लगी। उन्होंने कहा कि उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और उन्हें कुछ भी हो सकता है।
किसानों ने दी सरकार को चेतावनी
इस बीच, खनौरी बॉर्डर पर सरकारी डॉक्टरों की एक टीम ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य की जांच की। किसान नेता कोहाड़ ने कहा, ‘भगवान न करे, अगर दल्लेवाल जी के साथ कुछ अनहोनी हो गई, तो शायद केंद्र सरकार स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाएगी।’ उन्होंने कहा कि केंद्र को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि स्थिति उस स्तर तक न पहुंचे। कोहाड़ ने कहा, ‘अगर दल्लेवाल को कुछ हो गया तो मौजूदा केंद्र सरकार का कार्यकाल इस तरह कलंकित हो जाएगा जो शायद कभी धुल न पाए।’