नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति बहुत चिंताजनक है। यहां की हवा इतनी प्रदूषित हो गई है कि सांस लेना भी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। दिल्ली तथा अन्य राज्यों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। शाम 6 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 495 तक पहुँच गया, जबकि आनंद विहार, इंडिया गेट, द्वारका, रोहिणी, नेहरू नगर और नॉर्थ कैंपस में AQI ने 500 का आंकड़ा पार कर लिया।
हर रोज पी रहे 40 सिगरेट
इस अत्यधिक प्रदूषण के कारण, दिल्ली वालों को प्रतिदिन 40 सिगरेट के बराबर धुआं अपने फेफड़ों में लेना पड़ रहा है। यह स्थिति एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। ऐसे में बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। दिल्ली में प्रदूषण के इस गंभीर स्तर के मद्देनजर, ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं तथा कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। अब छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाई करनी होगी।
दिल्ली के अलावा ये राज्य भी कर रहे हैं प्रदूषण का सामना
दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब तथा मध्य प्रदेश में भी लोग प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। हरियाणा में लोग हर रोज 29 सिगरेट के धुएं के बराबर, बिहार में 10, उत्तर प्रदेश में 9.5, तथा राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 7.5 सिगरेट के धुएं का सामना कर रहे हैं। पंजाब में यह आंकड़ा 6.5 सिगरेट और मध्य प्रदेश में 5.5 सिगरेट तक पहुँच गया है।
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है। बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश सुनाया। वहीं, अब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जिला प्रशासन ने सोमवार रात को सभी 12वीं कक्षा तक की सभी स्कूलों को बंद करे का आदेश दिया है। जिला प्रशासन ने कहा कि क्षेत्र में खराब वायु गुणवत्ता के कारण पढ़ाई ऑनलाइन जारी रहेगी।